देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश के चलते हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने घांघरिया में ही रोक दिया है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मौसम साफ़ होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की सलाह दी है. हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले ग्लेशियर को लेकर एसडीआरएफ का कहना है कि घांघरिया से आगे पड़ने वाले ग्लेशियर पर बारिश होने की दशा में खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सावधानी बरतते हुए श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया है.
आपको बता दें कि उत्तराखंड में बीते रोज भारी बारिश और हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी होने के चलते यात्रा मार्ग पर खतरा बढ़ गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने हेमकुंड साहिब के दर्शन करने जा रहे एक हजार सिख श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया था. लेकिन अभी भी स्थिति साफ न होने की वजह से एसडीआरएफ ने खतरे को दखते हुए कुछ और समय श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रुकने की सलाह दी है.
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वहीं, इस बारे में एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस बार अधिक हिमपात हुआ है, जिस वजह से हेमकुंड साहिब या केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे तीर्थ स्थानों में श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही एसडीआरएफ ने जगहों पर पर्याप्त जवानों को तैनात किया है.
साथ ही तृप्ति भट्ट ने बताया कि हेमकुंड साहिब की जो यात्रा है. उसमें ग्लेशियर काफी ऊँचाई पर है और इस महीने हुई बारिश और गर्मी की संयुक्त प्रभाव के कारण किसी ग्लेशियर के खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा, कोई जनहानि न हो. इसके लिए सर्तकता बरतते हुए कुछ देर के लिए यात्रियों घांघरिया में रोका जा रहा है.
किसी भी चैलेंज से निपटने को एसडीआरएफ टीम तैयार
एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि किसी भी तरह के चैलेंज से निपटने के लिए एसडीआरएफ टीम पूरी तरह तैयार है. लेकिन ग्राउंड जीरो पर रिस्क को समझना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि जब भी एसडीआरएफ टीम को लगता है कि श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता है या किसी बड़े ग्लेशियर के खिसकने से दिक्कत आ सकती है. तो ऐसे टीम के लिए तत्कालिक निर्णय लेने भी जरूरी हो जाते है. क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.