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हरिद्वार जिले के जल भराव वाले क्षेत्र आपदाग्रस्त घोषित, सीएम धामी ने दी सहमति - Damage due to rain in Haridwar district

हरिद्वार जिले के जल भराव वाले क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. सीएम ने इस पर सहमति दे दी है. इसके साथ ही हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अगले तीन महीने तक विद्युत, जल और अन्य सरकारी बिलों के भुगतान के साथ ही लोन की वसूली पर रोक लगाने पर भी सहमति दे दी गई है.

Waterlogging in Haridwar district
हरिद्वार जिले के जल भराव वाले क्षेत्र आपदाग्रस्त घोषित
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Published : Aug 2, 2023, 6:56 PM IST

देहरादून: हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में पिछले 20 दिन पहले हुए भारी बारिश के चलते सोनाली नदी का बांध टूट गया था. जिसके चलते लक्सर क्षेत्र के तमाम हिस्सों में भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस भीषण बाढ़ के चलते न सिर्फ इस क्षेत्र का आम जन जीवन प्रभावित हुआ बल्कि पशुओं और फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. अभी भी लक्सर के तमाम क्षेत्रों की स्थिति पटरी पर नहीं लौट पाई है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिले के जल भराव वाले क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने पर सहमति दे दी है.

दरअसल, जब किसी भी जलभराव वाले क्षेत्र या फिर किसी क्षेत्र में भारी बारिश से उत्पन्न हुई भीषण स्थिति को देखते हुए सरकार आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करती है. ऐसे में जनता के होने वाले नुकसान की भरपाई आपदा राहत को से किया जाता है. यही नहीं, किसी व्यक्ति की मौत, पशुधन की क्षति, फसलों का नुकसान और भूमि के नुकसान पर आपदा राहत कोष से मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा भी तमाम सुविधाएं प्रभावितों को दी जाती है. यही वजह है कि हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, लिहाजा शासन की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्ताव भेजा गया. जिस पर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहमति जाता दी है.

पढ़ें- टनल से बढ़ेगी चीन की टेंशन, सीएम धामी के 'मास्टर प्लान' पर केंद्र लगाएगा मुहर, सेना को होगा फायदा

इसके साथ ही हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अगले तीन महीने तक विद्युत, जल और अन्य सरकारी बिलों के भुगतान के साथ ही लोन की वसूली पर रोक लगाने पर भी सहमति दे दी गई है. ऐसे में अब आपदाग्रस्त क्षेत्र का वृहद स्तर पर सर्वेक्षण कराया जाएगा. सर्वेक्षण के आधार पर प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि दी जाएगी. राज्य सरकार पहले ही इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे चुकी है.

पढ़ें- बॉर्डर पर सेना के 'तीसरी आंख' हैं चरवाहे, जानिए कैसे परेशान करते हैं चीनी सैनिक

देहरादून: हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में पिछले 20 दिन पहले हुए भारी बारिश के चलते सोनाली नदी का बांध टूट गया था. जिसके चलते लक्सर क्षेत्र के तमाम हिस्सों में भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस भीषण बाढ़ के चलते न सिर्फ इस क्षेत्र का आम जन जीवन प्रभावित हुआ बल्कि पशुओं और फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. अभी भी लक्सर के तमाम क्षेत्रों की स्थिति पटरी पर नहीं लौट पाई है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिले के जल भराव वाले क्षेत्र को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किए जाने पर सहमति दे दी है.

दरअसल, जब किसी भी जलभराव वाले क्षेत्र या फिर किसी क्षेत्र में भारी बारिश से उत्पन्न हुई भीषण स्थिति को देखते हुए सरकार आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करती है. ऐसे में जनता के होने वाले नुकसान की भरपाई आपदा राहत को से किया जाता है. यही नहीं, किसी व्यक्ति की मौत, पशुधन की क्षति, फसलों का नुकसान और भूमि के नुकसान पर आपदा राहत कोष से मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा भी तमाम सुविधाएं प्रभावितों को दी जाती है. यही वजह है कि हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, लिहाजा शासन की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्ताव भेजा गया. जिस पर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहमति जाता दी है.

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इसके साथ ही हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अगले तीन महीने तक विद्युत, जल और अन्य सरकारी बिलों के भुगतान के साथ ही लोन की वसूली पर रोक लगाने पर भी सहमति दे दी गई है. ऐसे में अब आपदाग्रस्त क्षेत्र का वृहद स्तर पर सर्वेक्षण कराया जाएगा. सर्वेक्षण के आधार पर प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि दी जाएगी. राज्य सरकार पहले ही इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे चुकी है.

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