देहरादून: बीजेपी विधायक महेश नेगी से जुड़े ब्लैकमेल व दुष्कर्म मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे ही इसमें नये एंगल सामने आ रहे हैं. अब विधायक पक्ष की ओर से 5 सितंबर को गवाही देने वाले पीएसी जवान के कथित वायरल ऑडियो की जांच अलग से की जाएगी. इसके लिए उसके यूनिट अधिकारी को पत्र लिखा गया है. इस बात की भी जांच की जाएगी कि जवान अपनी यूनिट से बिना अनुमति के कैसे देहरादून विधायक हॉस्टल में जा पहुंचा था.
उधर, इस केस में पीएसी जवान के पहले दर्ज किये गए विरोधाभासी बयान को देखते हुए मंगलवार (15 सितंबर) को एक बार फिर नए सिरे से देहरादून में उसके वीडियो रिकॉर्ड बयान दर्ज किए गये हैं.
बता दें कि, बीजेपी विधायक से जुड़े ब्लैकमेल और दुष्कर्म मामले में जांच टीम ने पीएसी के इस जवान को गवाह के रूप में केस में शामिल किया है. उसी के तहत बीते 5 सितंबर को उसके बयान जांच अधिकारी अनुज कुमार के सामने दर्ज किए गए थे. हालांकि, बयान दर्ज होने के बाद जवान का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने दुष्कर्म पीड़िता से बातचीत करते हुए बताया है कि उसको 31 अगस्त को विधायक पक्ष ने उसे बहला-फुसलाकर पहले देहरादून विधायक हॉस्टल बुलवाया और फिर उसके साथ मारपीट की और जानलेवा धमकी देते हुए उनके पक्ष में बयान देने के लिए मजबूर किया.
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हालांकि, वायरल ऑडियो मामले में अभी तक पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे एक जवान को यूनिट से बाहर लाकर ऐसा किया जा सकता है. देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि तथाकथित वायरल ऑडियो से कई विरोधाभास सामने आये हैं. ऐसे में इस केस की निष्पक्षता को बरकरार रखते हुये एक बार फिर जवान को यूनिट से अधिकारिक रूप में बुलाकर उसके वीडियो बयान नए सिरे से दर्ज किए गए हैं. इतना ही नहीं, पीएसी जवान के यूनिट अधिकारी को पत्र लिखकर ऑडियो प्रकरण की जांच पड़ताल के लिए आग्रह किया गया है.