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परेशान अन्नदाता, अरमानों पर फिर रहा 'पानी'

विकासनगर के किसान इन दिनों खेती की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग को कई बार लिखित रूप से अवगत कराया गया है, लेकिन स्थिति जस की जस बनी हुई है.

विकासनगर
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Published : Nov 17, 2019, 12:03 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 12:26 PM IST

विकासनगर: देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में इन दिनों किसानों को खेती सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ रहा है. कालसी हरिपुर बामनवाला क्षेत्र में सिंचाई विभाग की ओर से बनाई गई नहरें क्षतिग्रस्त होने से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि कई बार विभाग को अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग लापरवाह बना हुआ है. किसानों ने सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत कार्य कराने की मांग की है.

परेशान हैं विकासनगर के अन्नदाता

किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग को कई बार लिखित रूप से अवगत कराने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. विभाग के अधिकारी नहरों की मरम्मत के लिए धन आवंटन का हवाला दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि हर छह महीने में पानी के लिए पैसा भी जमा किया जाता है, बावजूद इसके नहरों का लाभ उनको नहीं मिल पा रहा है. सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते नकदी फसलों में सिंचाई के लिए किसानों को पानी ढोकर सिंचाई करनी पड़ रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड में बढ़ता जा रहा महिलाओं के प्रति अपराध, पहाड़ों पर भी हालात चिंताजनक

इस पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता चंद्र किशोर ने बताया कि 267 निर्मित नहरें हैं, जिसमें की 95 नहरें पूर्ण चल रही हैं. वहीं, 123 नहरों को मरम्मत की दरकार है. जबकि 45 नहरें बंद हैं. वहीं, विभाग ने 4 नहरों का परित्याग कर दिया है. मानसून से क्षतिग्रस्त नहरों की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. मरम्मत के लिए धन आवंटन का प्रयास किया जा रहा है.

विकासनगर: देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में इन दिनों किसानों को खेती सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ रहा है. कालसी हरिपुर बामनवाला क्षेत्र में सिंचाई विभाग की ओर से बनाई गई नहरें क्षतिग्रस्त होने से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि कई बार विभाग को अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग लापरवाह बना हुआ है. किसानों ने सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत कार्य कराने की मांग की है.

परेशान हैं विकासनगर के अन्नदाता

किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग को कई बार लिखित रूप से अवगत कराने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. विभाग के अधिकारी नहरों की मरम्मत के लिए धन आवंटन का हवाला दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि हर छह महीने में पानी के लिए पैसा भी जमा किया जाता है, बावजूद इसके नहरों का लाभ उनको नहीं मिल पा रहा है. सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते नकदी फसलों में सिंचाई के लिए किसानों को पानी ढोकर सिंचाई करनी पड़ रही है.

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इस पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता चंद्र किशोर ने बताया कि 267 निर्मित नहरें हैं, जिसमें की 95 नहरें पूर्ण चल रही हैं. वहीं, 123 नहरों को मरम्मत की दरकार है. जबकि 45 नहरें बंद हैं. वहीं, विभाग ने 4 नहरों का परित्याग कर दिया है. मानसून से क्षतिग्रस्त नहरों की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. मरम्मत के लिए धन आवंटन का प्रयास किया जा रहा है.

Intro:विकासनगर विकास नगर के कालसी हरिपुर बामन वाला क्षेत्र में वर्षों पूर्व बनाई गई सिंचाई विभाग द्वारा नहरें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने के चलते किसान परेशान हैं किसानों का आरोप है कि कई बार विभाग को अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग लापरवाह बना हुआ है किसानों ने सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत कार्य कराने की मांग की है


Body:कालसी क्षेत्र के हरिपुर बामन वाला में वर्षों पूर्व बनाई गई सिंचाई विभाग द्वारा नहरें जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण किसान परेशान है किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के कई चक्कर काटने के बाद भी विभाग ध्यान नहीं दे रहा है सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते नगदी फसलों में सिंचाई के लिए पानी ढोकर सिंचाई करने को मजबूर है किसानों ने बताया कि सिंचाई विभाग को लिखित रूप में अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है ग्रामीणों की मानें तो विभाग के अधिकारी बताते हैं नहरों की मरम्मत कार्य के लिए अभी धन आवंटित नहीं हुआ है किसान संतराम बताते हैं कि कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया लिखित रूप से भी अवगत कराया गया बावजूद इसके विभाग के अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं जबकि हर छह माह में सिंचाई विभाग को नहराना भी जमा किया जाता है हम चाहते है नहरों की मरम्मत हो जिससे कि किसानों के खेती को सिंचाई का लाभ मिल सके
वहीं किसान इंदर सिंह ने बताया कि कई बार सिंचाई विभाग को अवगत कराया गया लेकिन नहरों की मरम्मत नहीं की गई नहरें काफी पुरानी है जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और मरम्मत के अभाव में खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है और फसलें कभी कभार सूखने की कगार पर पहुंच जाती है कहीं पानी रिसने से फसलें खेतों में ही सड़ जाती है कहा कि शीघ्र ही नहरों की मरम्मत हो जिससे कि किसानों की फसलों को भी नुकसान से बचाया जा सके


Conclusion:सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता चंद्र किशोर ने बताया कि 267 निर्मित नहरें हैं जिसमें की 95 नहरें पूर्ण चल रही है वह 123 नहरें को मरम्मत की दरकार है वह 45 नेहरे बंद है 4 नैहरे परित्याग कर चुके हैं मानसून से क्षतिग्रस्त नहरों का प्राक्कलन भेजा जा चुका है कुछ का धन आवंटन हो चुका है कुछ का शीघ्र ही हो जाएगा क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत कार्य कराने का प्रयास शीघ्र किया जाएगा

बाइट _संतराम _किसान
बाइट _इंदर सिंह _किसान
बाइट_ चंद्र किशोर_ अधिशासी अभियंता _सिंचाई खंड अंबाडी कालसी
Last Updated : Nov 17, 2019, 12:26 PM IST
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