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कॉर्बेट अतिक्रमण केस: 3 IFS अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच पूरी, FIR का इंतजार, लपेटे में आ सकते हैं हरक

विजिलेंस ने कॉर्बेट नेशनल पार्क अतिक्रमण मामले में 3 IFS अफसरों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है. विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को शासन में भेज दी है. IFS किशन चंद और जे एस सुहाग सहित तीनों अफसरों के खिलाफ शुरुआती जांच में कई सबूत विजिलेंस हाथ लगे हैं, जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं.

Corbett National Park
देहरादून
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Published : Aug 2, 2022, 2:11 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 6:28 PM IST

देहरादून: रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 आईएफएस अफसरों के खिलाफ खुली जांच पूरी हो गई है. विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को शासन में भेज दी है. अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है. विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में तीनों आईएफएस अफसरों के खिलाफ कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान व अतिक्रमण सहित निर्माण के पर्याप्त सबूत सामने आए हैं. रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था.

विजिलेंस के पास मुकदमा दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत: विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने इस मामले में बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और गैरकानूनी ढंग से निर्माण को लेकर ओपन जांच किशन चंद सहित तीन IFS अफसरों के खिलाफ विजिलेंस को बीते समय दी गई थी. ऐसे इस जांच को मुकम्मल कर पूरे पर्याप्त सबूत साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गयी है. अब शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. ऐसी संभावना है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत भी लपेटे में आ सकते हैं. पिछली सरकार में हरक सिंह रावत ही वन मंत्री थे. तब उन पर तमाम आरोप भी लगे थे.
पढ़ें- ग्रेड-पे मामला: PHQ ने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया, परिजनों ने बताया तानाशाही

तीनों IFS अधिकारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें: जानकारी के अनुसार IFS किशन चंद और जेएस सुहाग सहित तीनों अफसरों के खिलाफ शुरुआती जांच में कई सबूत विजिलेंस हाथ लगे हैं, जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं. इतना नहीं रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में आरोपित अधिकारियों की पूरे मामले में भूमिका कई तरह से संदिग्ध पाई गई है. ऐसे में अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन से अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है.

ये है कॉर्बेट में VIP अतिक्रमण की पूरी कहानी: 9 नवंबर 2021 को शासन ने तीनों IFS अफसरों के खिलाफ कैंपा (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) योजना के तहत रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण की खुली जांच विजिलेंस को सौंपी थी. प्रारंभिक जानकारियां जुटाकर विजिलेंस ने 21 नवंबर 2021 को जांच शुरू की.

हरक सिंह रावत के दामन पर आरोपों के दाग: बताया जा रहा है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैंपा (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) योजना में अनिमितताओं के अंतर्गत तीनों आईएफएस अफसरों ने जंगल में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराया. ऐसे में अब मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ भी इस केस में कानूनी शिकंजा कर सकती है. इस बात के साफ संकेत जांच एजेंसी की तरफ से नजर आ रहे हैं.

रिटायर हो चुके किशन चंद: इस केस के मुख्य आरोपी पूर्व IFS किशन चंद बीते 30 जून 2022 को रिटायर हो गए थे. इस पूरे प्रकरण में कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी.


देहरादून: रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 आईएफएस अफसरों के खिलाफ खुली जांच पूरी हो गई है. विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को शासन में भेज दी है. अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है. विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में तीनों आईएफएस अफसरों के खिलाफ कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान व अतिक्रमण सहित निर्माण के पर्याप्त सबूत सामने आए हैं. रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था.

विजिलेंस के पास मुकदमा दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत: विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने इस मामले में बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और गैरकानूनी ढंग से निर्माण को लेकर ओपन जांच किशन चंद सहित तीन IFS अफसरों के खिलाफ विजिलेंस को बीते समय दी गई थी. ऐसे इस जांच को मुकम्मल कर पूरे पर्याप्त सबूत साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गयी है. अब शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. ऐसी संभावना है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत भी लपेटे में आ सकते हैं. पिछली सरकार में हरक सिंह रावत ही वन मंत्री थे. तब उन पर तमाम आरोप भी लगे थे.
पढ़ें- ग्रेड-पे मामला: PHQ ने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया, परिजनों ने बताया तानाशाही

तीनों IFS अधिकारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें: जानकारी के अनुसार IFS किशन चंद और जेएस सुहाग सहित तीनों अफसरों के खिलाफ शुरुआती जांच में कई सबूत विजिलेंस हाथ लगे हैं, जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं. इतना नहीं रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में आरोपित अधिकारियों की पूरे मामले में भूमिका कई तरह से संदिग्ध पाई गई है. ऐसे में अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन से अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है.

ये है कॉर्बेट में VIP अतिक्रमण की पूरी कहानी: 9 नवंबर 2021 को शासन ने तीनों IFS अफसरों के खिलाफ कैंपा (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) योजना के तहत रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण की खुली जांच विजिलेंस को सौंपी थी. प्रारंभिक जानकारियां जुटाकर विजिलेंस ने 21 नवंबर 2021 को जांच शुरू की.

हरक सिंह रावत के दामन पर आरोपों के दाग: बताया जा रहा है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैंपा (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) योजना में अनिमितताओं के अंतर्गत तीनों आईएफएस अफसरों ने जंगल में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराया. ऐसे में अब मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ भी इस केस में कानूनी शिकंजा कर सकती है. इस बात के साफ संकेत जांच एजेंसी की तरफ से नजर आ रहे हैं.

रिटायर हो चुके किशन चंद: इस केस के मुख्य आरोपी पूर्व IFS किशन चंद बीते 30 जून 2022 को रिटायर हो गए थे. इस पूरे प्रकरण में कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी.


Last Updated : Aug 2, 2022, 6:28 PM IST
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