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उत्तराखंड जल पुलिस के बेड़े में शामिल होगी 'हाई स्पीड बोट', टिहरी झील से शुरुआत

उत्तराखंड जल पुलिस मॉर्डनाइजेशन की तरफ कदम बढ़ा रही है. जल रेस्कयू बेड़े में पहला एडवांस हाई स्पीड मोटर बोट शामिल होगा, जिसकी टिहरी झील से शुरुआत होगी.

जल रेस्कयू बेड़े में शामिल होगा हाई स्पीड मोटर बोट
जल रेस्कयू बेड़े में शामिल होगा हाई स्पीड मोटर बोट
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Published : Mar 19, 2021, 7:20 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 11:15 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस तंत्र की सभी शाखाओं को मॉर्डनाइजेशन किया जा रहा है. इसी क्रम में अब जल रेस्क्यू पुलिस के बेड़े में पहली बार हाई स्पीड मोटर बोट को शामिल किया जा रहा है. ताकि नदियों और झीलों में होने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन में त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत-बचाव कार्य किया जा सके और लोगों की जिंदगी समय रहते बचाई जा सके. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक एडवांस तकनीक से लैस इस हाई स्पीड मोटर बोट को सबसे पहले टिहरी झील में रखा जाएगा. जहां पर्यटकों के साथ होने वाली किसी भी अनहोनी घटना में समय रहते रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सके.

उत्तराखंड जल पुलिस के बेड़े में शामिल होगी 'हाई स्पीट बोट'.

टिहरी झील में दिखेगी हाई स्पीड मोटर बोट

बता दें कि टिहरी झील में जल क्रीड़ा और अन्य खेलों के साथ-साथ पर्यटकों को लुभावने वाले कई कार्यक्रम होते रहते हैं. ऐसे में किसी तरह की अनहोनी घटना होने पर समय रहते जल पुलिस द्वारा त्वरित बचाव कार्य इस हाई स्पीड मोटर बोट द्वारा सफलतापूर्वक की जा सकेगी. 1 अप्रैल को हाई स्पीड मोटर बोट को टिहरी झील में ऑपरेशन के लिए रख दिया जाएगा.

हाई स्पीड बोट ऑपरेशन में होगी मददगार

कई बार जल रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एडवांस तकनीक वाली बोट की कमी के कारण डूबने वाले लोगों तक पहुंचने में ना सिर्फ काफी समय लग जाता है, बल्कि ऐसी स्थिति में राहत बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है. वहीं, अब पुलिस मॉर्डनाइजेशन की ओर बढ़ते कदम के तहत एडवांस तकनीक से लैस हाई स्पीड मोटर बोट के आ जाने से जल पुलिस व एसडीआरएफ सहित डीप डाइविंग टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन करने में बड़ी मदद मिलेगी.

गंगा किनारे से लेकर टिहरी झील तक हाईटेक संसाधन

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम से जुड़ी नदियों के अलावा गंगा-यमुना और तमाम अन्य नदियों व झीलों सहित अब रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश का राफ्टिंग स्थल शिवपुरी जैसे कई संवेदनशील स्थानों में जल पुलिस एसडीआरएफ डीप डाइविंग टीम को राहत बचाव दल के रूप में तैनात किया गया है. इतना ही नहीं पीएसी की दो कंपनियों को भी जल पुलिस की तर्ज पर तैयार किया गया है. वही, महाकुंभ में गंगा किनारे किसी भी घटना के समय ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए हाईटेक तकनीक के संसाधनों को बढ़ाने के साथ ही फोर्स मैनपावर को भी पहले से अधिक मजबूत किया जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस तंत्र की सभी शाखाओं को मॉर्डनाइजेशन किया जा रहा है. इसी क्रम में अब जल रेस्क्यू पुलिस के बेड़े में पहली बार हाई स्पीड मोटर बोट को शामिल किया जा रहा है. ताकि नदियों और झीलों में होने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन में त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत-बचाव कार्य किया जा सके और लोगों की जिंदगी समय रहते बचाई जा सके. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक एडवांस तकनीक से लैस इस हाई स्पीड मोटर बोट को सबसे पहले टिहरी झील में रखा जाएगा. जहां पर्यटकों के साथ होने वाली किसी भी अनहोनी घटना में समय रहते रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सके.

उत्तराखंड जल पुलिस के बेड़े में शामिल होगी 'हाई स्पीट बोट'.

टिहरी झील में दिखेगी हाई स्पीड मोटर बोट

बता दें कि टिहरी झील में जल क्रीड़ा और अन्य खेलों के साथ-साथ पर्यटकों को लुभावने वाले कई कार्यक्रम होते रहते हैं. ऐसे में किसी तरह की अनहोनी घटना होने पर समय रहते जल पुलिस द्वारा त्वरित बचाव कार्य इस हाई स्पीड मोटर बोट द्वारा सफलतापूर्वक की जा सकेगी. 1 अप्रैल को हाई स्पीड मोटर बोट को टिहरी झील में ऑपरेशन के लिए रख दिया जाएगा.

हाई स्पीड बोट ऑपरेशन में होगी मददगार

कई बार जल रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एडवांस तकनीक वाली बोट की कमी के कारण डूबने वाले लोगों तक पहुंचने में ना सिर्फ काफी समय लग जाता है, बल्कि ऐसी स्थिति में राहत बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है. वहीं, अब पुलिस मॉर्डनाइजेशन की ओर बढ़ते कदम के तहत एडवांस तकनीक से लैस हाई स्पीड मोटर बोट के आ जाने से जल पुलिस व एसडीआरएफ सहित डीप डाइविंग टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन करने में बड़ी मदद मिलेगी.

गंगा किनारे से लेकर टिहरी झील तक हाईटेक संसाधन

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम से जुड़ी नदियों के अलावा गंगा-यमुना और तमाम अन्य नदियों व झीलों सहित अब रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश का राफ्टिंग स्थल शिवपुरी जैसे कई संवेदनशील स्थानों में जल पुलिस एसडीआरएफ डीप डाइविंग टीम को राहत बचाव दल के रूप में तैनात किया गया है. इतना ही नहीं पीएसी की दो कंपनियों को भी जल पुलिस की तर्ज पर तैयार किया गया है. वही, महाकुंभ में गंगा किनारे किसी भी घटना के समय ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए हाईटेक तकनीक के संसाधनों को बढ़ाने के साथ ही फोर्स मैनपावर को भी पहले से अधिक मजबूत किया जा रहा है.

Last Updated : Mar 20, 2021, 11:15 AM IST
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