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आम बजट 2020: उत्तराखंड में क्या सिर्फ पौड़ी जिले में ही है पेयजल समस्या? - finance minister nirmala sitaraman

आम बजट 2020 में पानी की समस्याओं को लेकर देश के 100 जिलों को शामिल किया गया है. इनमें उत्तराखंड का पौड़ी जिला भी शामिल है. तो क्या सिर्फ पौड़ी को शामिल कर समूचे उत्तराखंड की समस्या हल हो जाएगी?

आम बजट 2020
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Published : Feb 1, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 8:57 PM IST

देहरादूनः देश के कई जिलों में बढ़ रही पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इसे लेकर आज आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी चिंता जाहिर की. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देश के 100 जिलों को चयनित किया है. जहां पानी की सबसे ज्यादा कमी है. इनमें उत्तराखंड का पौड़ी जिला भी शामिल है. लेकिन, क्या सिर्फ पौड़ी जिले में ही पानी की समस्या मान लेना काफी होगा. क्या कहते हैं जानकार, जानिए.

क्या सिर्फ पौड़ी जिले में ही है पेयजल समस्या?

यूं तो उत्तराखंड राज्य में कई नदियों का उद्गम स्थल है. बावजूद इसके गर्मियों के समय में प्रदेश के कई इलाकों में पानी की किल्लत हो जाती है. हालांकि, यहां पौड़ी जिले की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. क्योंकि गर्मियों के समय में पौड़ी जिले में लोगों को पानी की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. यही नहीं पौड़ी जिले के लोग कई बार पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार के खिलाफ धरना भी दे चुके हैं. वहीं, अब केंद्रीय बजट में पानी की किल्लत दूर करने के प्रावधान के बाद लोगों की उम्मीद जगी है, जिसमें कुछ हद तक ग्रामीणों की समस्या दूर हो जाएगी.

पढ़ेंः बजट 2020 : जानिए बजट से क्या सस्ता होगा और क्या महंगा

वहीं, अगर जानकार की मानें तो उनके अनुसार प्रदेश के तमाम इलाके ऐसे हैं जहां सरकारी व्यवस्थाओं के तहत साफ पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाए हैं. हालांकि, केंद्र सरकार का यह पहल काबिले तारीफ तो है, लेकिन उत्तराखंड राज्य में 13 जिले और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मात्र पौड़ी जिले को इस योजना में लेने से काम नहीं बनेगा.

जानकार ये भी कहते हैं कि जिन-जिन इलाकों में पेयजल की किल्लत है, उन क्षेत्रों को लेना चाहिए था. क्योंकि, पूरे पौड़ी जिले में पानी की किल्लत नहीं है. बल्कि प्रदेश के तमाम अन्य इलाके ऐसे हैं जो प्यासे हैं. ऐसे में अगर संसोधन की गुंजाइश है तो उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तहसील, ब्लॉक या न्याय पंचायत स्तर पर लाना चाहिए ताकि उन सभी इलाकों में पेयजल की समस्या दूर हो सके, जहां पानी की समस्या है.

देहरादूनः देश के कई जिलों में बढ़ रही पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इसे लेकर आज आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी चिंता जाहिर की. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देश के 100 जिलों को चयनित किया है. जहां पानी की सबसे ज्यादा कमी है. इनमें उत्तराखंड का पौड़ी जिला भी शामिल है. लेकिन, क्या सिर्फ पौड़ी जिले में ही पानी की समस्या मान लेना काफी होगा. क्या कहते हैं जानकार, जानिए.

क्या सिर्फ पौड़ी जिले में ही है पेयजल समस्या?

यूं तो उत्तराखंड राज्य में कई नदियों का उद्गम स्थल है. बावजूद इसके गर्मियों के समय में प्रदेश के कई इलाकों में पानी की किल्लत हो जाती है. हालांकि, यहां पौड़ी जिले की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. क्योंकि गर्मियों के समय में पौड़ी जिले में लोगों को पानी की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. यही नहीं पौड़ी जिले के लोग कई बार पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार के खिलाफ धरना भी दे चुके हैं. वहीं, अब केंद्रीय बजट में पानी की किल्लत दूर करने के प्रावधान के बाद लोगों की उम्मीद जगी है, जिसमें कुछ हद तक ग्रामीणों की समस्या दूर हो जाएगी.

पढ़ेंः बजट 2020 : जानिए बजट से क्या सस्ता होगा और क्या महंगा

वहीं, अगर जानकार की मानें तो उनके अनुसार प्रदेश के तमाम इलाके ऐसे हैं जहां सरकारी व्यवस्थाओं के तहत साफ पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाए हैं. हालांकि, केंद्र सरकार का यह पहल काबिले तारीफ तो है, लेकिन उत्तराखंड राज्य में 13 जिले और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मात्र पौड़ी जिले को इस योजना में लेने से काम नहीं बनेगा.

जानकार ये भी कहते हैं कि जिन-जिन इलाकों में पेयजल की किल्लत है, उन क्षेत्रों को लेना चाहिए था. क्योंकि, पूरे पौड़ी जिले में पानी की किल्लत नहीं है. बल्कि प्रदेश के तमाम अन्य इलाके ऐसे हैं जो प्यासे हैं. ऐसे में अगर संसोधन की गुंजाइश है तो उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तहसील, ब्लॉक या न्याय पंचायत स्तर पर लाना चाहिए ताकि उन सभी इलाकों में पेयजल की समस्या दूर हो सके, जहां पानी की समस्या है.

Intro:
देश के कई जिलों में बढ़ रही पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने देश के 100 जिलो को चयनित किया है जहाँ पानी की सबसे ज्यादा कमी है। इन जिलों में पानी की समस्या को दूर करने को लेकर केंद्रीय सरकार ने आम बजट 2020-21 में प्रावधान किया है। हालांकि इन 100 जिलो में उत्तराखंड का पौड़ी जिला भी शामिल है। जहाँ लंबे समय से लोग पानी की समस्या से जूझ रहे है। 





Body:यू तो उत्तराखंड राज्य में कई नदियों का उद्गम स्थल है बावजूद इसके गर्मियों के समय मे प्रदेश के कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। सबसे ज्यादा तो पौड़ी जिले की स्थिति सबसे खराब है। क्योकि गर्मियों के समय मे पौड़ी जिले में लोगो को पानी के लिए तड़पना पड़ता है। यही नही पौड़ी जिले के लोग कई बार पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार के खिलाफ धरना भी दे चुके है। लेकिन अब केंद्रीय बजट में पानी की किल्लत दूर करने के प्रावधान के बाद उम्मीद है पौड़ी जिले के ग्रामीणों की समस्या दूर हो जाएगी। 


वही अगर जानकार की माने तो उनके अनुसार प्रदेश के तमाम इलाके ऐसे है जहाँ सरकारी व्यवस्थाओ के तहत साफ पेयजल उपलब्ध नही करा पाए है। हालांकि केंद्र सरकार का यह पहल, काबिलेतारीफ तो है लेकिन उत्तराखंड राज्य में 13 जिले और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मात्र पौड़ी जिले को इस योजना में लेने से काम नही बनेगा। 


साथ ही बताया कि जिन जिन इलाकों में पेयजल की किल्लत है उन क्षेत्रों को लेना चाहिए था। क्योंकि पूरे पौड़ी जिले में पानी की किल्लत नही है बल्कि प्रदेश के तमाम अन्य इलाके ऐसे है जो प्यासे है। ऐसे में अगर संसोधन की गुंजाइश है तो उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तहसील, ब्लॉक, या न्याय पंचायत स्तर पर लाना चाहिए। ताकि उन सभी इलाको में पेयजल की समस्या दूर हो सके जहा पानी की समस्या है। 

बाइट - भगीरथ शर्मा, जानकर





Conclusion:
Last Updated : Feb 1, 2020, 8:57 PM IST
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