देहरादून: शहर में चलने वाले विक्रमों को लेकर आरटीआई से एक बड़ा खुलासा हुआ है. महानगर सिटी बस अध्यक्ष द्वारा आरटीआई से मांगी गई जानकारी में सामने आया है कि परिवहन मुख्यालय ने सात प्लस एक सवारी बैठाने का नियम है. अध्यक्ष विजय वर्धन ने बताया कि जब एआरएआई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) से इस विषय पर उन्होंने सूचना मांगी तो पता चला कि उनकी ओर से ऐसा कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है.
महानगर सिटी बस यूनियन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि परिवहन मुख्यालय ने मिलीभगत से 7 प्लस 1 ड्राइवर के बगल में यात्री बैठाने की स्वीकृति पास करवाई है. एआरएआई ने बताया कि किसी भी कंपनी के तीन पहिया वाहन, जो सात प्लस एक ड्राइवर है उन्हें संस्थान ने कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से इसकी शिकायत भी की गई. बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पांच महीने बीत जाने के बाद भी शिकायत के संबंध में कोई भी जवाब नहीं आया है.
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वहीं महानगर सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि परिवाहन मुख्यालय ने मिलीभगत से विक्रम में आगे की सीट एआरएआई से पास करवाई है. जबकि एआरएआई ने सात प्लस एक का कोई भी सर्टिफिकेट किसी भी गाड़ी को नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जांच के लिए पांच महीने पहले ही शिकायती पत्र भेजा था लेकिन उसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. खुलेआम आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.