ऋषिकेश: चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra) में इंतजामों का हाल इतना बुरा हो चला है कि ऋषिकेश में रुके यात्रियों को चारधाम का दर्शन कराने के लिए जबरन यातायात सहकारी संघ और टीजीएमओ (टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स) की 25 बसों को आरक्षित कर लिया है. संभागीय परिवहन विभाग (Uttarakhand Transport Department) ने साफ कर दिया है कि प्राथमिकता चारधाम यात्रा है. जबकि निजी परिवहन कंपनियों की बसों के अधिग्रहण से टिहरी और उत्तरकाशी की निजी बस सेवा पूरी तरह से बाधित होने का अंदेशा जताया जा रहा है.
टिहरी और उत्तरकाशी रूट पर चलने वाली यातायात सहकारी संघ और टीजीएमओ की करीब 25 बसों को संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रोक लिया. यातायात अध्यक्ष मनोज ध्यानी के मुताबिक 25 बसों को लेकर जाकर हरिद्वार बाईपास मार्ग स्थित एआरटीओ कार्यालय में खड़ा कर दिया गया. बताया कि बसों को जबरन अधिग्रहित करने से टिहरी और उत्तरकाशी के रूट पर लोकल सवारियों को दिक्कत होगी.
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इन क्षेत्रों के मुसाफिरों के लिए अब मजबूरन टिकट काउंटर भी बंद करना पड़ा है. अब लोकल सवारियों को लेकर कोई दिक्कत होगी, तो इसका सीधे जिम्मेदार संभागीय परिवहन विभाग होगा. एआरटीओ अरविंद पांडेय ने बताया प्राथमिक जिम्मेदारी ऋषिकेश में पहुंचे यात्रियों को चारधाम पहुंचाने की है. लिहाजा, बसों की कमी को पूरा करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं. स्थानीय सवारियों की जहां तक बात है, तो इसके लिए भी व्यवस्था की जाएगी.
फिलहाल डेढ़ हजार से ज्यादा बसें चारधाम यात्रा में हैं. इनमें निजी परिवहन कंपनियों की एक हजार से ज्यादा बसें हैं. जबकि, परिवहन निगम और स्कूली बसों से लेकर कुमाऊं की बसों को भी यात्रा में लगाया गया है.