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परिवहन निगम के अस्तित्व बचाने में जुटा महकमा, कर रहा हर मुमकिन कोशिश

परिवहन निगम का अस्तित्व बचाने के लिए कंडम बसों के साथ ही अचल संपत्तियों को भी बेचने की तैयारी चल रही है. जिससे परिवहन निगम को घाटे से उबारा जा सकें.

transport corporation
परिवहन निगम
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Published : Jun 16, 2021, 10:26 AM IST

Updated : Jun 17, 2021, 12:48 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोराना संक्रमण से बचाव को लेकर लागू कोरोना कर्फ्यू के कारण अंतरराज्यीय बस संचालन बंद है. जिसके चलते उत्तराखंड परिवहन निगम(Uttarakhand Transport Corporation) की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. आलम ये है कि निगम प्रबंधन कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दे पाई है. जिससे कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

इसे देखते हुए परिवहन निगम ने राज्य सरकार से 20 करोड़ एडवांस मांगे थे जो परिवहन निगम को बीते दिन मिल चुके हैं. लेकिन अभी भी पर्याप्त पैसा उपलब्ध नहीं होने के चलते परिवहन निगम ने कंडम हो चुकी बसों को बेचना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जल्द ही परिवहन निगम को 24 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद है. जिससे परिवहन निगम के कर्मचारियों को एक साथ 2 माह का वेतन दिया जा सकेगा.

परिवहन निगम के अस्तित्व बचाने में जुटा महकमा.

ये भी पढ़ें: आपदा के 8 साल: आपदा के जख्मों पर मरहम, केदारनाथ में 90 फीसदी कार्य पूर्ण

परिवहन निगम ने 106 कंडम बसों को बेचा

बता दें कि परिवहन निगम ने कंडम बसों की बिक्री के पहले चरण में 106 बसों को बेच दिया है. जिससे निगम को करीब 2 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि इससे पहले भी निगम के एमडी आशीष चौहान ने इस बात का जिक्र किया था कि कर्मचारियों के वेतन देने के लिए कंडम हो चुकी बसें बेचने के साथ ही अचल संपत्तियों को भी बेचकर पैसा जुटाया जाएगा. ताकि कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकें. जिसके लिए परिवहन निगम के एमडी ने कंडम हो चुकी 120 बसों को बेचने की अनुमति दे दी थी.

transport corporation
परिवहन निगम को लाखों का नुकसान.

ये भी पढ़ें: केदारनाथ त्रासदी के 8 साल पूरे, अब भी ताजा हैं आपदा के जख्म

निगम को 100 करोड़ की जरूरत

अनुमति मिलने के बाद निगम की कंडम हो चुकी 106 बसों को बेच दिया गया है. बाकी की 14 कंडम हो चुकी बसों को जल्द नीलाम करने का काम चल रहा है. निगम को कर्मचारियों को वेतन देने के साथ ही अन्य खर्चा को मिलाकर हर महीने 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत होती है. ऐसे में अभी तक कर्मचारियों को 5 महीने का वेतन नहीं दिया गया है, लिहाजा परिवहन निगम को वर्तमान समय में 100 करोड़ से अधिक रुपए जुटाने हैं. लेकिन अभी तक परिवहन निगम करीब 22 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है. जिससे मात्र 1 महीने का ही वेतन दिया जा सकता है. जिसे देखते हुए परिवहन निगम ने अब अपनी अचल संपत्तियों को भी बेच कर पैसा जुटाने की तैयारी कर रहा है. हालांकि इस मामले पर शासन ने पहले ही अनुमति दे चुकी है.

transport corporation
परिवहन निगम को लाखों का नुकसान.

ये भी पढ़ें: बांध का जलस्तर घटा तो दिखने लगा पुरानी टिहरी का डूबा राजमहल

निगम ने बनाया अध्ययन दल

परिवहन निगम लगातार घाटे में डूबता जा रहा है. जिसे देखते हुए परिवहन निगम के एमडी ने परिवहन निगम को घाटे से उबारने के साथ ही इनकम बढ़ाए जाने के लिए अध्ययन दल का गठन किया है. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रबंध निदेशक के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का एक अध्ययन दल बनाया है. जो रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए अपने सुझाव देगा. वहीं परिवहन निगम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के समय से चले आ रहे नियमों में बदलाव करने की कवायद में भी जुट गया है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड परिवहन निगम का बढ़ेगा इनकम, बदले जाएंगे नियम!

अंतरराज्जीय बस संचालन

वहीं, कोरोना कर्फ्यू की वजह से बंद पड़े अंतरराज्जीय बस संचालन एक बार फिर से शुरू होने की उम्मीद है. क्योंकि 15 जून तक हिमाचल और उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाली बसों पर रोक लगाई गई थी. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम को फिलहाल हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के हां का इंतजार है. ताकि ये दोनों राज्य अंतरराज्जीय बस संचालन की अनुमति दे दें. जिसे परिवहन निगम की आय बढ़ने की उम्मीद जगी है. बता दें कि 8 मई से उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उम्मीद थी कि 5 जून से उत्तर प्रदेश में अंतरराज्जीय परिवहन पर लगी पाबंदी हटाई जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उत्तर प्रदेश ने 15 जून तक अन्य राज्यों की बसों पर रोक बरकरार रखी.

ये भी पढ़ें: रोडवेज बसों से हो रही है डीजल की चोरी, महकमा मौन

नीलामी से मिले 2 करोड़ 22 लाख रुपए

वहीं, कंडम पड़ी बसों को नीलाम करने की प्रक्रिया को परिवहन निगम के एमडी आशीष चौहान ने रूटीन प्रक्रिया बता है. क्योंकि लंबे समय से कंडम होने के बावजूद बसों की नीलामी नहीं हो पाई थी. जिसे चलते अभी फिलहाल 106 कंडम बसों की नीलामी कर दी गई है. परिवहन निगम को इस नीलामी से 2 करोड़ 22 लाख रुपए की बोली मिली है. साथ ही आशीष चौहान ने बताया कि जल्द ही 24 करोड़ रुपये की एक और फाइल क्लीयर होने वाली है. जिसके बाद परिवहन निगम के कर्मचारियों को एक साथ 2 महीने का वेतन दिया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी रोडवेज परिसर से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया, हुआ बवाल

हर साल परिवहन निगम को हो रहा लाखों का नुकसान

  • वित्तीय वर्ष 2010-11 में परिवहन निगम की कुल आय 235 करोड़ 70 लाख 34 हजार रुपए थी. जबकि 264 करोड़ 06 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 28 करोड़ 35 लाख 91 हजार रुपये का घाटा हुआ था
  • वित्तीय वर्ष 2011-12 में परिवहन निगम की कुल आय 253 करोड़ 83 लाख 63 हजार रुपए थी. जबकि 280 करोड़ 59 लाख 64 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 26 करोड़ 76 लाख 01 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2012-13 में परिवहन निगम की कुल आय 311 करोड़ 01 लाख 57 हजार रुपए थी. जबकि 336 करोड़ 36 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 25 करोड़ 35 लाख 83 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2013-14 में परिवहन निगम की कुल आय 364 करोड़ 64 लाख 05 हजार रुपए थी. जबकि 402 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 37 करोड़ 99 लाख 20 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2014-15 में परिवहन निगम की कुल आय 404 करोड़ 80 लाख 26 हजार रुपए थी. जबकि 439 करोड़ 73 लाख 91 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 34 करोड़ 93 लाख 65 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2015-16 में परिवहन निगम की कुल आय 431 करोड़ 46 लाख 26 हजार रुपए थी. जबकि 442 करोड़ 03 लाख 90 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 10 करोड़ 57 लाख 64 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में परिवहन निगम की कुल आय 462 करोड़ 50 लाख 17 हजार रुपए थी. जबकि 481 करोड़ 85 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 19 करोड़ 35 लाख 23 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिवहन निगम की कुल आय 514 करोड़ 03 लाख 30 हजार रुपए थी. जबकि 537 करोड़ 04 लाख 98 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 23 करोड़ 01 लाख 68 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिवहन निगम की कुल आय 515 करोड़ 66 लाख 72 हजार रुपए थी. जबकि 560 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 44 करोड़ 56 लाख 79 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवंबर महीने तक परिवहन निगम की कुल आय 368 करोड़ 84 लाख 55 हजार रुपए थी. जबकि 388 करोड़ 97 लाख 30 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 20 करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवहन निगम को करीब 200 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, परिवहन निगम ने 2020-21 में होने वाले घाटे के आकलन के अनुसार करीब 30 से 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोराना संक्रमण से बचाव को लेकर लागू कोरोना कर्फ्यू के कारण अंतरराज्यीय बस संचालन बंद है. जिसके चलते उत्तराखंड परिवहन निगम(Uttarakhand Transport Corporation) की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. आलम ये है कि निगम प्रबंधन कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दे पाई है. जिससे कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

इसे देखते हुए परिवहन निगम ने राज्य सरकार से 20 करोड़ एडवांस मांगे थे जो परिवहन निगम को बीते दिन मिल चुके हैं. लेकिन अभी भी पर्याप्त पैसा उपलब्ध नहीं होने के चलते परिवहन निगम ने कंडम हो चुकी बसों को बेचना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जल्द ही परिवहन निगम को 24 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद है. जिससे परिवहन निगम के कर्मचारियों को एक साथ 2 माह का वेतन दिया जा सकेगा.

परिवहन निगम के अस्तित्व बचाने में जुटा महकमा.

ये भी पढ़ें: आपदा के 8 साल: आपदा के जख्मों पर मरहम, केदारनाथ में 90 फीसदी कार्य पूर्ण

परिवहन निगम ने 106 कंडम बसों को बेचा

बता दें कि परिवहन निगम ने कंडम बसों की बिक्री के पहले चरण में 106 बसों को बेच दिया है. जिससे निगम को करीब 2 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि इससे पहले भी निगम के एमडी आशीष चौहान ने इस बात का जिक्र किया था कि कर्मचारियों के वेतन देने के लिए कंडम हो चुकी बसें बेचने के साथ ही अचल संपत्तियों को भी बेचकर पैसा जुटाया जाएगा. ताकि कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकें. जिसके लिए परिवहन निगम के एमडी ने कंडम हो चुकी 120 बसों को बेचने की अनुमति दे दी थी.

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परिवहन निगम को लाखों का नुकसान.

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निगम को 100 करोड़ की जरूरत

अनुमति मिलने के बाद निगम की कंडम हो चुकी 106 बसों को बेच दिया गया है. बाकी की 14 कंडम हो चुकी बसों को जल्द नीलाम करने का काम चल रहा है. निगम को कर्मचारियों को वेतन देने के साथ ही अन्य खर्चा को मिलाकर हर महीने 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत होती है. ऐसे में अभी तक कर्मचारियों को 5 महीने का वेतन नहीं दिया गया है, लिहाजा परिवहन निगम को वर्तमान समय में 100 करोड़ से अधिक रुपए जुटाने हैं. लेकिन अभी तक परिवहन निगम करीब 22 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है. जिससे मात्र 1 महीने का ही वेतन दिया जा सकता है. जिसे देखते हुए परिवहन निगम ने अब अपनी अचल संपत्तियों को भी बेच कर पैसा जुटाने की तैयारी कर रहा है. हालांकि इस मामले पर शासन ने पहले ही अनुमति दे चुकी है.

transport corporation
परिवहन निगम को लाखों का नुकसान.

ये भी पढ़ें: बांध का जलस्तर घटा तो दिखने लगा पुरानी टिहरी का डूबा राजमहल

निगम ने बनाया अध्ययन दल

परिवहन निगम लगातार घाटे में डूबता जा रहा है. जिसे देखते हुए परिवहन निगम के एमडी ने परिवहन निगम को घाटे से उबारने के साथ ही इनकम बढ़ाए जाने के लिए अध्ययन दल का गठन किया है. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रबंध निदेशक के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का एक अध्ययन दल बनाया है. जो रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए अपने सुझाव देगा. वहीं परिवहन निगम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के समय से चले आ रहे नियमों में बदलाव करने की कवायद में भी जुट गया है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड परिवहन निगम का बढ़ेगा इनकम, बदले जाएंगे नियम!

अंतरराज्जीय बस संचालन

वहीं, कोरोना कर्फ्यू की वजह से बंद पड़े अंतरराज्जीय बस संचालन एक बार फिर से शुरू होने की उम्मीद है. क्योंकि 15 जून तक हिमाचल और उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाली बसों पर रोक लगाई गई थी. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम को फिलहाल हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के हां का इंतजार है. ताकि ये दोनों राज्य अंतरराज्जीय बस संचालन की अनुमति दे दें. जिसे परिवहन निगम की आय बढ़ने की उम्मीद जगी है. बता दें कि 8 मई से उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उम्मीद थी कि 5 जून से उत्तर प्रदेश में अंतरराज्जीय परिवहन पर लगी पाबंदी हटाई जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उत्तर प्रदेश ने 15 जून तक अन्य राज्यों की बसों पर रोक बरकरार रखी.

ये भी पढ़ें: रोडवेज बसों से हो रही है डीजल की चोरी, महकमा मौन

नीलामी से मिले 2 करोड़ 22 लाख रुपए

वहीं, कंडम पड़ी बसों को नीलाम करने की प्रक्रिया को परिवहन निगम के एमडी आशीष चौहान ने रूटीन प्रक्रिया बता है. क्योंकि लंबे समय से कंडम होने के बावजूद बसों की नीलामी नहीं हो पाई थी. जिसे चलते अभी फिलहाल 106 कंडम बसों की नीलामी कर दी गई है. परिवहन निगम को इस नीलामी से 2 करोड़ 22 लाख रुपए की बोली मिली है. साथ ही आशीष चौहान ने बताया कि जल्द ही 24 करोड़ रुपये की एक और फाइल क्लीयर होने वाली है. जिसके बाद परिवहन निगम के कर्मचारियों को एक साथ 2 महीने का वेतन दिया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी रोडवेज परिसर से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया, हुआ बवाल

हर साल परिवहन निगम को हो रहा लाखों का नुकसान

  • वित्तीय वर्ष 2010-11 में परिवहन निगम की कुल आय 235 करोड़ 70 लाख 34 हजार रुपए थी. जबकि 264 करोड़ 06 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 28 करोड़ 35 लाख 91 हजार रुपये का घाटा हुआ था
  • वित्तीय वर्ष 2011-12 में परिवहन निगम की कुल आय 253 करोड़ 83 लाख 63 हजार रुपए थी. जबकि 280 करोड़ 59 लाख 64 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 26 करोड़ 76 लाख 01 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2012-13 में परिवहन निगम की कुल आय 311 करोड़ 01 लाख 57 हजार रुपए थी. जबकि 336 करोड़ 36 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 25 करोड़ 35 लाख 83 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2013-14 में परिवहन निगम की कुल आय 364 करोड़ 64 लाख 05 हजार रुपए थी. जबकि 402 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 37 करोड़ 99 लाख 20 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2014-15 में परिवहन निगम की कुल आय 404 करोड़ 80 लाख 26 हजार रुपए थी. जबकि 439 करोड़ 73 लाख 91 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 34 करोड़ 93 लाख 65 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2015-16 में परिवहन निगम की कुल आय 431 करोड़ 46 लाख 26 हजार रुपए थी. जबकि 442 करोड़ 03 लाख 90 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 10 करोड़ 57 लाख 64 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में परिवहन निगम की कुल आय 462 करोड़ 50 लाख 17 हजार रुपए थी. जबकि 481 करोड़ 85 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 19 करोड़ 35 लाख 23 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिवहन निगम की कुल आय 514 करोड़ 03 लाख 30 हजार रुपए थी. जबकि 537 करोड़ 04 लाख 98 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 23 करोड़ 01 लाख 68 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिवहन निगम की कुल आय 515 करोड़ 66 लाख 72 हजार रुपए थी. जबकि 560 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 44 करोड़ 56 लाख 79 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवंबर महीने तक परिवहन निगम की कुल आय 368 करोड़ 84 लाख 55 हजार रुपए थी. जबकि 388 करोड़ 97 लाख 30 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वर्ष में वित्तीय परिवहन निगम को 20 करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपये का घाटा हुआ था.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवहन निगम को करीब 200 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, परिवहन निगम ने 2020-21 में होने वाले घाटे के आकलन के अनुसार करीब 30 से 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
Last Updated : Jun 17, 2021, 12:48 PM IST
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