देहरादून: साल 2024 तक उत्तराखंड को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से आज राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह (uttarakhand governor gurmeet singh) ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (Prime Minister TB Free India Campaign) का विधिवत शुभारम्भ किया. उन्होंने उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिये सभी सक्षम लोगों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की देखभाल की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया. इस मौके पर राज्यपाल ने खुद प्रदेशभर के 13 टीबी रोगियों को गोद लेकर पारिवारिक सदस्य की तरह उनकी देखभाल करने की घोषणा की.
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (Prime Minister TB Free India Campaign) के तहत उत्तराखंड में टीबी उन्मूलन के लिये जनभागीदारी अभियान का शुभारम्भ सूबे के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आज राजभवन से किया. उन्होंने कहा कि यह हम लोगों का सौभाग्य है कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े टीबी रोगग्रस्त व्यक्ति को गोद लेकर उसकी देखभाल का जिम्मा लेने का मौका मिला है. उन्होंने इस कार्य को सबसे बड़ा परोपकार बताते हुये स्वयं भी सूबे के 13 टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी देखभाल का जिम्मा लेने की घोषणा मंच से की. जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें मात्र 2 टीबी रोगियों को गोद लेने की अपील की गई थी.
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राज्यपाल ने प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के नाम अपने संदेश में नागरिकों के कर्त्तव्यबोध के जो पांच सूत्र बताए उनका पालन सभी को करना चाहिए. तभी भारत एक बार फिर विश्व गुरू बनने में सफल हो सकता है. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त लक्ष्य निर्धारण के लिये मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री की सहराना की. जबकि केन्द्र सरकार द्वारा भारत को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि जनसहभागिता से ही टीबी मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य हासिल होगा. इसके लिये उन्होंने सूबे के प्रत्येक नागरिक को आगे आकर क्षय रोग के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने एवं टीबी रोगियों के उपचार में सहयोग की बात कही. उन्होंने कहा कि साल 2025 तक उत्तराखंड देश का शीर्ष राज्यों में शुमार होगा. इसी कड़ी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने में उत्तराखंड को देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल हुआ.
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चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन अभियान की जानकारी देते हुये कहा कि राज्य में 15126 टीबी रोगी चिन्हित हैं. जिनमें से 81 फीसदी मरीजों ने अपनी देखभाल एवं उपचार के लिये गोद लेने हेतु सहमति प्रदान कर दी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार टीबी मरीजों को उपचार हेतु निःशुल्क दवा तथा प्रतिमाह रूपये 500 पोषण भत्ते के रूप में देती है. राज्य के महानुभावों, संस्थानों, कर्पोरेस्ट्स, एनजीओ, सहकारी समितियों व व्यक्ति विशेष द्वारा टीबी रोगियों को एक से तीन वर्ष के लिये गोद लेने से उनका उपचार करना और आसान हो सकेगा. साथ ही नि-क्षय मित्र द्वारा प्रत्येक माह मरीज की देखभाल के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित फूड बास्केट उपलब्ध कराने से उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होगा.
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की पहल पर 21 लोगों को महानुभावों द्वारा गोद लिया गया. जिसमें राज्यपाल द्वारा 2 टीबी मरीज, मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा तीन-तीन, सांसद टिहरी माला राज्य लक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक राजपुर खजान दास, विधायक कैंट सबिता कपूर, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक-एक टीबी मरीज गोद लिये.