देहरादूनः उत्तराखंड में बेरोजगारों को रोजगार देने वाला उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग खुद ही कर्मचारियों की कमी झेल रहा है. विभागों को खाली पदों पर कर्मचारी देने वाला यह आयोग अभी बेहद कम कर्मचारियों की मौजूदगी में तमाम परीक्षाएं करा रहा है.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास राज्य में विभिन्न विभागों में चल रही रिक्तियों को पूरा करने की जिम्मेदारी है. मौजूदा सरकार में सभी रिक्तियों को भरने का बड़ा लक्ष्य भी आयोग को दिया गया है. इसके तहत विभागों की ओर से आयोग को अधियाचन भी भेजे जा रहे हैं.
हजारों पदों पर भर्ती के लिए फिलहाल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा कार्यक्रमों के तहत प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि आयोग में ही रिक्त चल रहे पदों को लेकर सरकार का जरा भी ध्यान नहीं है.
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 64 पद सृजित हैं. इसमें 20 पदों पर ही रेग्युलर कर्मचारी काम कर रहे हैं. आयोग भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द करने को लेकर खासा दबाव में हैं. लेकिन कर्मचारियों की कमी कई बार आयोग के आड़े आ रही है. खास बात यह है कि बीते 4 साल में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 78 परीक्षाएं कराई हैं, जो कि देशभर में विभिन्न आयोगों के लिहाज से बेहतर प्रदर्शन है.
इस सबके बावजूद माना जा रहा है कि यदि कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाता है तो आयोग और भी तेजी से भर्तियां कर सकता है. फिलहाल, आयोग ने 1 साल से कम समय में किसी भी परीक्षा को पूर्ण कर नियुक्ति तक की प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है. बड़ी बात यह है कि 64 पदों का ढांचा भी फिलहाल पर्याप्त नहीं है और आयोग ने अब इस ढांचे में भी बढ़ोत्तरी करने की मांग सरकार से की है.