देहरादून: साइबर ठगों पर शिकंजा कसने और लोगों को उनके चुंगल से बचाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने एक साल पहले केंद्रीय गृह मंत्रायल द्वारा जारी की गई साइबर शिकायत के विशेष हेल्पलाइन नंबर 1930 की शुरुआत की थी. इस हेल्पलाइन का शुभारंभ 17 जून 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था. साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन की मदद से उत्तराखंड पुलिस ने एक साल के अंदर लोगों के करीब दो करोड़ रुपए से ज्यादा बचाए हैं. जिसका आंकड़ा उत्तराखंड एसटीएफ (उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स) ने जारी किया है.
उत्तराखंड एसटीएफ (उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स) ने बताया कि एक साल पहले 17 जून 2021 को उत्तराखंड में साइबर शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 की शुरुआत की गई थी. इस एक साल में साइबर शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 7,723 शिकायतें दर्ज हुई. उत्तराखंड एसटीएफ के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि साइबर शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों का करीब दो करोड़ 11 लाख रुपया वापस दिलवाया गया. ये वो पैसे है जो आम लोगों से साइबर ठगों ने ठगा था.
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दरअसल, बीते कुछ सालों में देशभर में साइबर ठगी के मामले में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है. साइबर ठगी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती भी बन गई थी. इन सब मामलों को ध्यान में रखते हुए जून 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया था, हालांकि बाद में नंबर बदलकर 1930 कर दिया था.
सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी करने का उद्देश्य यही था कि लोग अपने साथ हुई साइबर ठगी की तत्काल शिकयत कर सके और पुलिस तत्काल कार्रवाई करते हुए बैंक या अन्य एजेंसियों से संपर्क कर पीड़ित के पैसा वापस दिलावा सके. इसके जरिए एक तो पुलिस को साइबर ठग तक पहुचंने में आसानी होगी और दूसरा उनकी कमर भी तोड़ी जा सकती है. इस हेल्पलाइन नंबर के जारी होने से उत्तराखंड एसटीएफ को काफी मदद मिली है.
टोल फ्री नंबर 112: उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि उनके द्वारा समय-समय पर साइबर ठगी शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में जानकारी शेयर की जाती है और लोगों को इसके बारे में जागरुक भी किया जाता है. साथ ही साइबर व्यक्ति हेल्पलाइन 112 को इसी से जोड़ा जा चुका है. इसके लोगों की काफी मदद मिल रही है.