देहरादूनः ओएलएक्स एप के फेमस जिंगल 'ओएलएक्स करो, आगे बढ़ो' में खुद को भारतीय सैनिक बताकर कार सहित अन्य सामान बेचने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर क्राइम गिरोह का उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. राजस्थान के मेवात से मास्टरमाइंड सहित दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों द्वारा पिछले दिनों ऋषिकेश में एक ग्राहक को कार बेचने के नाम पर 1 लाख 43 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर ठगे गए थे. राजस्थान के मेवात जिले से एसटीएफ की गिरफ्त में आए शातिर साइबर अपराधी राहुल खान पुत्र युसूफ खान और सलमान पुत्र रुजदार उर्फ रोजेदार ओएलएक्स पोर्टल के माध्यम से पूरे भारत में भारी तादात में लोगों को सामान बेचने के नाम पर अब तक लाखों रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं. यह गिरोह खुद को भारतीय सेना में नियुक्त होने जैसे बातों में गुमराह कर सस्ते दामों में कार बेचने के नाम पर लालच देकर लोगों की गाड़ी कमाई में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देता था.
- राहुल खान पुत्र युसूफ खान (उम्र 24 वर्ष) निवासी लालपुर थाना कामा, राजस्थान
- सलमान पुत्र रुजदार उर्फ रोजेदार (उम्र 25 वर्ष) निवासी ग्राम-लुहेसर, थाना कामा, राजस्थान
ये भी पढ़ें
एसटीएफ के मुताबिक वर्तमान में फेमस जिंगल "ओएलएक्स करो आगे बढ़ो" के नाम पर देशभर में कई शातिर साइबर गिरोह तरह-तरह से अपनी पहचान छिपाकर सामान बेचने के नाम ओएलएक्स पोर्टल का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान के मेवात से गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड राहुल और सलमान ओएलएक्स पोर्टल में खुद को भारतीय सेना का अंग बताकर फर्जी आइडेंटिटी दिखाकर ओएलएक्स पर कार सहित अन्य सामान बेचने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे.
ऐसे करते थे अपराध
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार साइबर अपराधी राहुल खान और सलमान द्वारा राजस्थान के मेवात जिले से ओएलएक्स पर आर्मी वालों के द्वारा अपने वाहन बेचने के लिए विज्ञापन डालते थे. इतना ही नहीं पोस्ट किए गए विज्ञापन को सर्च कर आर्मी वालों की असली आईडी, कैंटीन कार्ड व स्मार्ट कार्ड सहित वाहन की फोटो रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस जैसे दस्तावेजों को डाउनलोड कर अलग-अलग मोबाइल के जरिए सभी डॉक्यूमेंट के साथ ओएलएक्स में फर्जी आईडी बनाकर विज्ञापन देते थे. इस विज्ञापन में अपना मोबाइल नंबर देने के बाद अलग-अलग ग्राहकों से संपर्क करते और उन्हें सस्ते वाहन बेचने के नाम पर झांसा देकर वाहन डिलीवरी देने, पार्सल चार्ज के लिए पेटीएम और ऑनलाइन खातों से रुपया ट्रांसफर करा लेते थे.
एक विशेष व्यक्ति के आर्मी दस्तावेज के आधार पर होती थी ठगी
एसटीएफ की जांच पड़ताल में पता चला कि यह शातिर साइबर अपराधी किसी विकास पटेल नाम के आधार कार्ड, आर्मी कैंटीन स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, जैसलमेर टू देहरादून के इंडियन आर्मी पार्सल स्लिप के नाम पर विभिन्न प्रकार के वाहन दिखाकर ओएलएक्स में फ्रॉड कर छोटे-छोटे अमाउंट चार्ज करके लाखों रुपए हड़प लेते थे.
तेजी से फैल रहा साइबर अपराध का गढ़
उत्तराखंड एसटीएप और साइबर पुलिस के मुताबिक ओएलएक्स में सामान बेचने के नाम पर लगातार राजस्थान के मेवात और झारखंड के जामताड़ा सहित उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में एक बड़ा संगठित साइबर अपराध विशेष तौर पर उभर रहा है. इन्हीं राज्यों में कई मास्टरमाइंड साइबर अपराधी ओएलएक्स जैसे पोर्टल की आड़ में सामान बेचने के नाम पर तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर ऑनलाइन पेमेंट डिजिटल खातों के जरिए देशभर में ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई.