देहरादून: उत्तराखंड में लगातार बढ़ते नशे के काले कारोबार के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (STF) कार्रवाई लगातार जारी है. ताजा मामला अल्मोड़ा जिले से जुड़ा है. जहां एसटीएफ और एंटी ड्रग टीम की संयुक्त कार्रवाई के दौरान अल्मोड़ा के लोधिया बैरियर के पास नाकेबंदी और घेराबंदी के दौरान 3 किलो 500 ग्राम अवैध चरस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई के दौरान मौके से एक नशा तस्कर फरार होने में कामयाब रहा. जिसकी धरपकड़ जारी है. वहीं, तस्करी में इस्तेमाल हुई बुलेट सहित गिरफ्तार किए गए दोनों चरस तस्करों के कब्जे बरामद चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 15 लाख से अधिक आंकी गई है.
चरस के साथ गिरफ्तार दोनों तस्कर बागेश्वर जिले के रहने वाले
चरस तस्करी के आरोप में एसटीएफ के शिकंजे में आया 23 वर्षीय पवन सिंह दानू पुत्र जीवन सिंह दानू मूल रूप से ग्राम सौराग, तहसील कपकोट बागेश्वर का रहने वाला है, जबकि दूसरा 27 वर्षीय तस्कर प्रताप राम पुत्र धनीराम, ग्राम सौराग तहसील कपकोट बागेश्वर का रहने वाला बताया जा रहा है.
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नशा तस्करों के नेटवर्क को खंगालने में जुटी STF
STF के मुताबिक गिरफ्त में आए चरस तस्कर लंबे समय से स्कूल, कॉलेजों में नशे की खेप को अपने नेटवर्क के जरिए सप्लाई करें करने में सक्रिय थे. ऐसे में में गिरफ्तार किए गए तस्करों से पूछताछ कर उनके अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के दिशा निर्देश अनुसार स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के आगे नशा परोसने वाले ड्रग्स तस्करों के खिलाफ लगातार एसटीएफ के अधीन कार्य करने वाली एंटी ड्रग टास्क फोर्स (ADTF) द्वारा कार्रवाई व धरपकड़ जारी है. इसी क्रम में लंबे समय से अल्मोड़ा में नशा तस्करी करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए बुधवार चरस तस्करों को धरपकड़ ने की कार्यवाही की गई.
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धन कमाने के लालच में आए दोनों नशा तस्कर
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार किए गए नशा तस्कर पवन सिंह दानू पुत्र जीवन सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह कक्षा 12 तक पढ़ा है. इसके बाद वह कुछ समय पहले सिडकुल रुद्रपुर में काम करता रहा,लेकिन अपना खर्चा पूरा ना होने के कारण वह अपने साथी प्रताप राम पुत्र धनीराम गुड़गांव में मारुति सुजुकी सेक्टर में मिला. इसी दौरान दोनों में अधिक धन कमाने का प्लान तैयार हुआ. योजना के मुताबिक दोनों स्कूल और कॉलेज के बच्चों को निशाना बनाते हुए चरस तस्करी का काम शुरू किया.