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गेस्ट टीचरों ने सरकार से की गृह जिलों में नियुक्ति देने की मांग, आंदोलन की दी धमकी

उत्तराखंड माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने सरकार से गृह जिलों में नियुक्ति देने की मांग की है. साथ ही गेस्ट टीचरों के पदों को सुरक्षित करने की भी मांग की है. शिक्षकों कहना है कि धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में दोनों मुद्दों पर फैसला लिया गया था. लेकिन आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है.

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Published : Nov 30, 2022, 6:52 AM IST

Updated : Nov 30, 2022, 7:33 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ (Uttarakhand Secondary Guest Teachers Association) ने सरकार से पदों को सुरक्षित और गृह जनपदों में नियुक्ति दिए जाने की मांग (demand for guest teachers in uttarakhand) उठाई है. शिक्षकों का कहना है कि वो 8 सालों से प्रदेश के दुर्गम से अति दुर्गम विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 2015 के बाद से कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए सरकार को ठोस नियमावली बनानी चाहिए, जिससे वे अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस ना करें.

शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की पहली कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों के लिए तीन फैसले लिए गए थे, जिसमें अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा और दूसरा गृह जनपदों में नियुक्तियां दी जाएगी. लेकिन आज तक इन फैसलों का शासनादेश नहीं हो पाया है.

गेस्ट टीचरों ने सरकार से की गृह जिलों में नियुक्ति देने की मांग.
ये भी पढ़ेंः सांसद तीरथ सिंह रावत का गढ़वाल दौरा, अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटाले पर कही ये बात

उन्होंने कहा कि 8 अगस्त 2022 को शिक्षा मंत्री के माध्यम से महानिदेशक शिक्षा के साथ अतिथि शिक्षक संघ की वार्ता हुई थी. जिसमें अतिथि शिक्षकों के असुरक्षित भविष्य को देखते हुए स्थायी नियुक्ति का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अभी तक इस विषय में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दौलतराम का कहना है कि दूसरी तरफ सरकार 2300 अतिथि शिक्षक भर्ती करने जा रही है जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

शिक्षकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रभावित हो रहे अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त ना होने के कारण समायोजन नहीं हो पा रहा है. एलटी के 1400 सीधी भर्ती के प्रवक्ता पदोन्नति होने जा रहे हैं. इसके बाद 8 साल से अध्यापन कर रहे अतिथि शिक्षक बाहर हो जाएंगे. ऐसे में प्रदेश स्तरीय बैठक करके अपने आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ (Uttarakhand Secondary Guest Teachers Association) ने सरकार से पदों को सुरक्षित और गृह जनपदों में नियुक्ति दिए जाने की मांग (demand for guest teachers in uttarakhand) उठाई है. शिक्षकों का कहना है कि वो 8 सालों से प्रदेश के दुर्गम से अति दुर्गम विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 2015 के बाद से कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए सरकार को ठोस नियमावली बनानी चाहिए, जिससे वे अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस ना करें.

शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की पहली कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों के लिए तीन फैसले लिए गए थे, जिसमें अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा और दूसरा गृह जनपदों में नियुक्तियां दी जाएगी. लेकिन आज तक इन फैसलों का शासनादेश नहीं हो पाया है.

गेस्ट टीचरों ने सरकार से की गृह जिलों में नियुक्ति देने की मांग.
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उन्होंने कहा कि 8 अगस्त 2022 को शिक्षा मंत्री के माध्यम से महानिदेशक शिक्षा के साथ अतिथि शिक्षक संघ की वार्ता हुई थी. जिसमें अतिथि शिक्षकों के असुरक्षित भविष्य को देखते हुए स्थायी नियुक्ति का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अभी तक इस विषय में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दौलतराम का कहना है कि दूसरी तरफ सरकार 2300 अतिथि शिक्षक भर्ती करने जा रही है जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

शिक्षकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रभावित हो रहे अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त ना होने के कारण समायोजन नहीं हो पा रहा है. एलटी के 1400 सीधी भर्ती के प्रवक्ता पदोन्नति होने जा रहे हैं. इसके बाद 8 साल से अध्यापन कर रहे अतिथि शिक्षक बाहर हो जाएंगे. ऐसे में प्रदेश स्तरीय बैठक करके अपने आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

Last Updated : Nov 30, 2022, 7:33 AM IST
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