ETV Bharat / state

International Disaster Reduction Day: वर्ल्ड क्लास टेक्नॉलॉजी से लैस है SDRF

author img

By

Published : Oct 13, 2021, 7:44 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 9:24 PM IST

अंतरराष्ट्रीय डिजास्टर रिडक्शन डे के मौके पर एसडीआरएफ ने आधुनिक टेक्नोलॉजी के इक्विपमेंट की प्रदर्शनी लगाई. आइये जानते हैं एसडीआरएफ के पास कौन-कौन से इक्विपमेंट मौजूद हैं.

uttarakhand-sdrf-has-world-class-technology-equipment
वर्ल्ड क्लास टेक्नॉलॉजी से लैस है SDRF

देहरादून: साल 2013 में जब उत्तराखंड में आपदा आई थी तो उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन तंत्र बिल्कुल भी विकसित नहीं था. तब यहां एसडीआरएफ का तो कहीं भी नामो-निशान तक नहीं था. आज की तारीख में उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन तंत्र आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है. वहीं, एसडीआरएफ की बात करें तो उत्तराखंड में एसडीआरएफ के पास ऐसी-ऐसी मशीनरी हैं जो कि आसपास के राज्यों के पास भी मौजूद नहीं हैं.

अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर उत्तराखंड एसडीआरएफ ने अपने इक्विपमेंट की प्रदर्शनी लगाई. जिसका ईटीवी भारत ने जायजा लिया. इस प्रदर्शनी में क्या कुछ खास रहा आइये आपको बताते हैं.

वर्ल्ड क्लास टेक्नॉलॉजी से लैस है SDRF

पढ़ें-मोहित चौहान संग गाते नजर आएंगे उत्तरकाशी के कलाकार, लोकगीतों को मिलेगी पहचान


QDA एंटीना और ड्रोन से लैस है SDRF: आपदा प्रबंधन विभाग के तहत एसडीआरएफ ने क्यूडीए यानी क्विक डेप्लॉयमेंट एंटीना विकसित किया है. यह एक इस तरह का एक पोर्टेबल एंटीना है जो किसी भी विषम परिस्थितियों में स्थापित किया जा सकता है. यह सीधे सेटेलाइट से कनेक्ट होता है. यानी आपदा के समय में ऐसी जगहों पर जहां पर की कनेक्टिविटी न हो वहां पर इस QDA को डेप्लॉय करके आपदा में हुए नुकसान के अलावा राहत कार्यों के डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके अलावा एसडीआरएफ के पास ड्रोन टेक्नोलॉजी भी मौजूद है. जिसके जरिए सर्च एंड रेस्क्यू अभियान में मदद मिलती है. ड्रोन टेक्नोलॉजी में उत्तराखंड पूरे देश में सबसे अव्वल नंबर पर आता है.

पढ़ें- CM धामी की पीठ थपथपाने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- खनन को संरक्षण दे रही मोदी सरकार


विक्टिम लोकेटिंग कैमरा: उत्तराखंड एसडीआरएफ के पास अत्याधिक तकनीक वाला विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी है. ये आपदा की परिस्थितियों में पीड़ितों को सर्च करने में बेहद कारगर साबित होता है. इस मशीन के माध्यम से बारीक, संकरी और अंधेरी जगहों पर सर्च अभियान चलाया जा सकता है. इस मशीन के माध्यम से संकरी गली या फिर टनल जैसी जगहों पर भी विजुअल लिये जा सकते हैं.

पढ़ें- अरविंद पांडे ने हरदा पर कसा तंज, बोले- प्रदेश लुटवाने वाले पुण्य पाप की न करें बात


अंडर वाटर सोनार, वाटर ड्रोन भी है मौजूद: उत्तराखंड में देश की कई बड़ी नदियां मौजूद हैं. इसके कारण यहां नदियों में दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. इस तरह की घटनाओं के लिए भी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के पास हाईटेक उपकरण मौजूद हैं. एसडीआरएफ के पास ऐसी वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी है जिससे पानी के भीतर भी सर्च एंड रेस्क्यू अभियान चलाया जाता है. एसडीआरएफ के अधिकारी प्रमोद रावत के अनुसार एसडीआरएफ के पास मौजूद इस अंडर वाटर सोनार की डिमांड आसपास के राज्यों से भी काफी ज्यादा आती है.

पढ़ें- अरविंद पांडे ने हरदा पर कसा तंज, बोले- प्रदेश लुटवाने वाले पुण्य पाप की न करें बात

उत्तराखंड एसडीआरएफ के जरिए अन्य राज्यों में भी इस अंडर वाटर सोनार का इस्तेमाल आपदा प्रबंधन के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पास वाटर ड्रोन भी है.

देहरादून: साल 2013 में जब उत्तराखंड में आपदा आई थी तो उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन तंत्र बिल्कुल भी विकसित नहीं था. तब यहां एसडीआरएफ का तो कहीं भी नामो-निशान तक नहीं था. आज की तारीख में उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन तंत्र आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है. वहीं, एसडीआरएफ की बात करें तो उत्तराखंड में एसडीआरएफ के पास ऐसी-ऐसी मशीनरी हैं जो कि आसपास के राज्यों के पास भी मौजूद नहीं हैं.

अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर उत्तराखंड एसडीआरएफ ने अपने इक्विपमेंट की प्रदर्शनी लगाई. जिसका ईटीवी भारत ने जायजा लिया. इस प्रदर्शनी में क्या कुछ खास रहा आइये आपको बताते हैं.

वर्ल्ड क्लास टेक्नॉलॉजी से लैस है SDRF

पढ़ें-मोहित चौहान संग गाते नजर आएंगे उत्तरकाशी के कलाकार, लोकगीतों को मिलेगी पहचान


QDA एंटीना और ड्रोन से लैस है SDRF: आपदा प्रबंधन विभाग के तहत एसडीआरएफ ने क्यूडीए यानी क्विक डेप्लॉयमेंट एंटीना विकसित किया है. यह एक इस तरह का एक पोर्टेबल एंटीना है जो किसी भी विषम परिस्थितियों में स्थापित किया जा सकता है. यह सीधे सेटेलाइट से कनेक्ट होता है. यानी आपदा के समय में ऐसी जगहों पर जहां पर की कनेक्टिविटी न हो वहां पर इस QDA को डेप्लॉय करके आपदा में हुए नुकसान के अलावा राहत कार्यों के डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके अलावा एसडीआरएफ के पास ड्रोन टेक्नोलॉजी भी मौजूद है. जिसके जरिए सर्च एंड रेस्क्यू अभियान में मदद मिलती है. ड्रोन टेक्नोलॉजी में उत्तराखंड पूरे देश में सबसे अव्वल नंबर पर आता है.

पढ़ें- CM धामी की पीठ थपथपाने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- खनन को संरक्षण दे रही मोदी सरकार


विक्टिम लोकेटिंग कैमरा: उत्तराखंड एसडीआरएफ के पास अत्याधिक तकनीक वाला विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी है. ये आपदा की परिस्थितियों में पीड़ितों को सर्च करने में बेहद कारगर साबित होता है. इस मशीन के माध्यम से बारीक, संकरी और अंधेरी जगहों पर सर्च अभियान चलाया जा सकता है. इस मशीन के माध्यम से संकरी गली या फिर टनल जैसी जगहों पर भी विजुअल लिये जा सकते हैं.

पढ़ें- अरविंद पांडे ने हरदा पर कसा तंज, बोले- प्रदेश लुटवाने वाले पुण्य पाप की न करें बात


अंडर वाटर सोनार, वाटर ड्रोन भी है मौजूद: उत्तराखंड में देश की कई बड़ी नदियां मौजूद हैं. इसके कारण यहां नदियों में दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. इस तरह की घटनाओं के लिए भी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के पास हाईटेक उपकरण मौजूद हैं. एसडीआरएफ के पास ऐसी वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी है जिससे पानी के भीतर भी सर्च एंड रेस्क्यू अभियान चलाया जाता है. एसडीआरएफ के अधिकारी प्रमोद रावत के अनुसार एसडीआरएफ के पास मौजूद इस अंडर वाटर सोनार की डिमांड आसपास के राज्यों से भी काफी ज्यादा आती है.

पढ़ें- अरविंद पांडे ने हरदा पर कसा तंज, बोले- प्रदेश लुटवाने वाले पुण्य पाप की न करें बात

उत्तराखंड एसडीआरएफ के जरिए अन्य राज्यों में भी इस अंडर वाटर सोनार का इस्तेमाल आपदा प्रबंधन के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पास वाटर ड्रोन भी है.

Last Updated : Oct 13, 2021, 9:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.