देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस को मेहमानों के आदर सत्कार का तरीका सिखाया जाएगा. यही नहीं पुलिस देश की दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं को भी सीखने का काम करेगी. यह सब उत्तराखंड में टूरिस्ट पुलिस के तौर पर काम करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए शुरू किया जा रहा है. ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और व्यवस्थाएं दी जा सके.
उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, राज्य में सरकार का राजस्व ही नहीं बल्कि रोजगार के लिए भी पर्यटन ही महत्वपूर्ण जरिया है. ऐसी स्थिति में पुलिस विभाग ने पर्यटन और तीर्थाटन को खास तवज्जो देते हुए पर्यटन पुलिस का कांसेप्ट शुरू करने का फैसला लिया है. हालांकि इससे पहले पर्यटन पुलिस को लेकर 70 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, लेकिन यह प्रशिक्षण महज दो दिन का था. अब राज्य में पर्यटन पुलिस के लिए अलग से व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है. इसमें पर्यटन पुलिस का अलग ढांचा और नियमावली पर भी विचार किया जा रहा है.
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उधर दूसरी तरफ चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले पर्यटन पुलिस पर भी महानिदेशालय का फोकस है.बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की तैयारियों पर बैठक करने वाले हैं. जिसमें विभिन्न विभागों के साथ पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. ऐसे में पुलिस विभाग तमाम दूसरे प्रस्तावों के साथ टूरिस्ट पुलिस पर भी बैठक में चर्चा करने जा रहा है. वैसे राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस कॉन्फ्रेंस के दौरान पर्यटन पुलिस को अस्तित्व में लाने के लिए विचार किया गया था. जिसमें पर्यटन पुलिस किस तरह की होगी इस पर एक बकायदा सिलेबस भी जारी किया गया था.
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अब पुलिस विभाग पुलिस कर्मियों को पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को लेकर विशेष प्रशिक्षण देने जा रही है, जिसमें क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं का ज्ञान देने समेत हॉस्पिटैलिटी, प्रदेश के विभिन्न पर्यटक स्थलों की जानकारी दी जाएगी. फिलहाल ये चारधाम यात्रा के लिए टूरिस्ट पुलिस की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन भविष्य में राज्य में इसे पूरी तरह से लागू करने पर भी विचार चल रहा है.सबसे बड़ी बात यह है कि हरिद्वार मसूरी नैनीताल जैसे तीर्थ स्थलों और पर्यटक स्थलों पर सालभर टूरिस्ट पुलिस की तैनाती के लिए ऐसी इकाई को स्थापित करने पर भी विचार चल रहा है.