ऋषिकेश: एक साल पहले लापता हुए बेटे को पाकर पिता की आंखें खुशी से छलक उठीं और यह सब मुमकिन हुआ है उत्तराखंड पुलिस के प्रयास से. ऑपरेशन स्माइल के तहत उत्तराखंड पुलिस ने 17 वर्षीय बौद्धिक दिव्यांग (बोलने और सुनने में अक्षम) को उसके पिता से मिलाया है, जो एक साल पहले कोटद्वार में भटकते हुआ मिला था. बेटे के मिलने पर परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया है.
दरअसल 17 वर्षीय बौद्धिक दिव्यांग एक साल पहले कोटद्वार में संदिग्ध परिस्थितियों में घूमता हुआ मिला था. जिसे सत्य साईं आश्रम देहरादून में देखरेख के लिए भर्ती कराया गया था. ऑपरेशन स्माइल की टीम को जब इस बात की जानकारी मिली तो टीम के प्रभारी सब इंस्पेक्टर कृपाल सिंह ने बालक को परिजनों से मिलाने का निर्णय लिया. सोशल मीडिया और पर्सनल संपर्क सूत्रों से जानकारी मिली कि बालक का नाम तैयब है, जो दरभंगा बिहार का रहने वाला है.
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काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया. वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बेटे को भी दिखाया. जिसके बाद पिता अपने बेटे को लेने के लिए देहरादून पहुंच गए. परिजनों को देख बौद्धिक दिव्यांग बेटा भी सुबक-सुबक कर रोने लगा. परिजनों की आंखों में भी खुशियों के आंसू भर गए. परिजनों ने बेटे को मिलाने पर पुलिस का आभार व्यक्त किया है.
एसआई कृपाल सिंह ने बताया कि डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर पूरे प्रदेश में ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है. जिसके तहत बिछड़ों को अपनों से मिलाने का काम पुलिस कर रही है. इसी कड़ी में बौद्धिक दिव्यांग तैयब को फिर से परिजनों का सहारा मिल गया है. एसएसपी पौड़ी पी रेणुका देवी ने पुलिस की इस सफलता पर पूरी टीम की पीठ थपथपाई है.