देहरादून: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती अवसर पर दिवंगत महापुरुषों को याद करते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस दौरान पुलिस डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी समेत तमाम पुलिस आला अधिकारियों ने महात्मा गांधी और शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण श्रद्धा सुमन अर्पित किए. कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक रतूड़ी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री स्वर्णिम विचारों व देशव्यापी योगदान की सराहना की.
वहीं, दूसरी तरफ डोईवाला स्थित एसडीआरएफ मुख्यालय में भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान ध्वज तले रघुपति राघव राजा राम की धुन से परिसर गुंजायमान रहा.
![Dehradun Gandhi Jayanti](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-deh-01-gandhi-jayanti-vis-7200628_02102020125242_0210f_00917_491.jpg)
गांधी जयंती के अवसर पर चारों धामों में स्वच्छता अभियान
वहीं, गांधी जयंती के अवसर पर राज्य के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में तैनात रहने वाली एसडीआरएफ ने दोनों महापुरुषों को याद करते स्वच्छता अभियान चलाया गया. एसडीआरएफ ने मुख्य रूप से चारधाम के केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री यमुनोत्री सहित तमाम धार्मिक स्थलों पर विशेष तौर पर स्वच्छता अभियान चलाया.
देश निर्माण में बापू का अहम योगदान: SDRF
गांधी जयंती राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर सेनानायक तृप्ति भट्ट ने एसडीआरएफ परिवार के सदस्यों को गांधी जी के सत्य अहिंसा के पथ पर अग्रसर रहते हुए अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया गया. वहीं, राष्ट्रपिता के सशक्त भारत निर्माण में बापू के प्रवचन को भी याद किया गया.
शास्त्री जी के नैतिक मूल्यों और आदर्शों को हमें आत्मसात करने की जरूरत: एसडीआरएफ सेनानायक
वहीं, राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर समाज हित में पूर्ण सहज और प्रतिबद्ध रहकर देश को स्वाभिमान ऊंचाइयों पर ले जाने वाले शास्त्री जी के विचारों को भी याद किया गया. देश हित में सदा संकल्पित और राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक महापुरुष पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के स्वर्णिम विचारों से भी SDRF जवानों को अवगत कराया. इतना ही नहीं एसडीआरएफ सेनानायक ने शास्त्री जी के आदर्शों को अपने नैतिक जीवन में आत्मसात करने के लिए एसडीआरएफ बल को प्रोत्साहित किया.