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उत्तराखंड की पीएसी कंपनियों को मिलेगी नई सुविधाएं, मूवमेंट पर नहीं ढोना होगा बोरिया-बिस्तर

उत्तराखंड पुलिस को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की कवायद तेज हुई. पीएसी कंपनियों को अब तैनाती बदलने पर बोरिया-बिस्तर नहीं ढोना पड़ेगा. साथ ही पीएसी की 5 बटालियन के लिए लगभग 70 से 75 नई बसें खरीदी जाएंगी.

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पीएसी कंपनी
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Published : Mar 11, 2021, 3:20 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस को आधुनिक और स्मार्ट बनाने की दिशा में पुलिस तंत्र की अलग-अलग शाखाओं में आवश्यक संसाधनों वाली सुविधाएं बढ़ाकर राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने की कवायद जारी है. इसी क्रम में अब किसी भी आपातकाल की स्थिति में शांति व कानून व्यवस्था बहाल रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पीएसी कंपनियों की मूलभूत सुविधाओं को लंबे अर्से बाद बेहतर करने की तैयारी सूचीबद्ध रूप में पुलिस मुख्यालय स्तर पर तेज कर दी गई है.

राज्य गठन से पहले 1990-91 वर्ष के समय से चल रही खस्ताहाल वाली पीएसी कंपनी की बसों और ट्रकों को रिटायर्ड कर उनकी जगह नए वाहन खरीदे जाएंगे. प्रदेश में मौजूद पीएसी की 5 बटालियन के लिए लगभग 70 से 75 नई बसें खरीदी जाएंगी. वहीं आवश्यकता अनुसार मालवाहक ट्रक भी खरीदने की तैयारी है. पीएसी के इन नए वाहनों की खास बात यह होगी कि इन्हें पहचान लिए एकरूपता में तैयार किया जाएगा. किस कंपनी में कितने वाहनों की कमी है, इसके लिए मुख्यालय स्तर पर जानकारी जुटाकर सूची तैयार की जा रही है.

पीएसी कंपनियों की तैनाती बदलने पर बोरिया-बिस्तर ले जाने से मिलेगा छुटकारा

आने वाले दिनों में पीएसी कंपनियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनाती के समय अपना बोरिया-बिस्तर और चारपाई जैसे सामान को कंधों में उठाने से भी छुटकारा मिलेगा. राज्य के सभी जिलों के पुलिस लाइन और अन्य थाना जैसे कार्यालयों में पीएसी कर्मियों के लिए अलग से अतिरिक्त रूप में बेड मैट्रेस को उपलब्ध रखा जाएगा. इसके लिए 20 से 25 पीएसी कंपनियों के हिसाब से 1500 से अधिक बेड मैट्रेस खरीदे जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः मेन फॉर वुमन: राज्य महिला आयोग ने पुरुषों को किया सम्मानित, वजह है खास

आपको बता दें कि अभी तक पीएसी कंपनियों को एक जगह से दूसरी जगह मूवमेंट के समय अपने आवश्यक सामानों के साथ-साथ अपना बेड, बिस्तर जैसा सामान भी उठाकर हर जगह ले जाना पड़ता है. ऐसे में अब इस तरह के सामानों की सूची तैयार कर नई खरीदारी की तैयारी शुरू की जाएंगी. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड की 5 पीएसी बटालियन के मूलभूत संसाधनों की खरीदारी सीएसआर फंड से किया जाएगा. ऐसे में आने वाले दिनों में पीएससी कंपनियों को सुविधाओं के हिसाब से बड़ी राहत मिलने जा रही है.

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस को आधुनिक और स्मार्ट बनाने की दिशा में पुलिस तंत्र की अलग-अलग शाखाओं में आवश्यक संसाधनों वाली सुविधाएं बढ़ाकर राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने की कवायद जारी है. इसी क्रम में अब किसी भी आपातकाल की स्थिति में शांति व कानून व्यवस्था बहाल रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पीएसी कंपनियों की मूलभूत सुविधाओं को लंबे अर्से बाद बेहतर करने की तैयारी सूचीबद्ध रूप में पुलिस मुख्यालय स्तर पर तेज कर दी गई है.

राज्य गठन से पहले 1990-91 वर्ष के समय से चल रही खस्ताहाल वाली पीएसी कंपनी की बसों और ट्रकों को रिटायर्ड कर उनकी जगह नए वाहन खरीदे जाएंगे. प्रदेश में मौजूद पीएसी की 5 बटालियन के लिए लगभग 70 से 75 नई बसें खरीदी जाएंगी. वहीं आवश्यकता अनुसार मालवाहक ट्रक भी खरीदने की तैयारी है. पीएसी के इन नए वाहनों की खास बात यह होगी कि इन्हें पहचान लिए एकरूपता में तैयार किया जाएगा. किस कंपनी में कितने वाहनों की कमी है, इसके लिए मुख्यालय स्तर पर जानकारी जुटाकर सूची तैयार की जा रही है.

पीएसी कंपनियों की तैनाती बदलने पर बोरिया-बिस्तर ले जाने से मिलेगा छुटकारा

आने वाले दिनों में पीएसी कंपनियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनाती के समय अपना बोरिया-बिस्तर और चारपाई जैसे सामान को कंधों में उठाने से भी छुटकारा मिलेगा. राज्य के सभी जिलों के पुलिस लाइन और अन्य थाना जैसे कार्यालयों में पीएसी कर्मियों के लिए अलग से अतिरिक्त रूप में बेड मैट्रेस को उपलब्ध रखा जाएगा. इसके लिए 20 से 25 पीएसी कंपनियों के हिसाब से 1500 से अधिक बेड मैट्रेस खरीदे जाएंगे.

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आपको बता दें कि अभी तक पीएसी कंपनियों को एक जगह से दूसरी जगह मूवमेंट के समय अपने आवश्यक सामानों के साथ-साथ अपना बेड, बिस्तर जैसा सामान भी उठाकर हर जगह ले जाना पड़ता है. ऐसे में अब इस तरह के सामानों की सूची तैयार कर नई खरीदारी की तैयारी शुरू की जाएंगी. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड की 5 पीएसी बटालियन के मूलभूत संसाधनों की खरीदारी सीएसआर फंड से किया जाएगा. ऐसे में आने वाले दिनों में पीएससी कंपनियों को सुविधाओं के हिसाब से बड़ी राहत मिलने जा रही है.

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