देहरादूनः उत्तराखंड सरकार में कद्दावर नेता मदन कौशिक का ग्रीष्मकालीन राजधानी पर बयान अधूरा रह गया. जी हां, इस कद्दावर मंत्री का राजधानी पर बयान उनकी कुर्सी को ही रास नहीं आया, तभी तो बयान पूरा होने से पहले उनकी कुर्सी ही हिल गयी और मंत्री मदन कौशिक की कुर्सी ने उन्हें धोखा दे दिया.
उत्तराखंड में भाजपा इन दिनों सरकार के ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के फैसले का खूब बढ़-चढ़कर गुणगान कर रही है, लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी के इसी एजेंडे को बताते हुए सरकार के कद्दावर नेता की पहले कुर्सी डगमगा गई और फिर मंत्रीजी की कुर्सी धड़ाम हो गई.
आप सही सुन रहे हैं, कद्दावर मंत्री मदन कौशिक सरकार में कितने भी ताकतवर क्यों न हों लेकिन, मंत्रीजी अपनी कुर्सी नहीं संभाल पाए. इसीलिए जब मीडिया ने मंत्रीजी से ग्रीष्मकालीन राजधानी पर सरकार के आगामी कार्यक्रम को जानना चाहा तो वो राजधानी पर सरकार की सोच को बताते हुए कुर्सी से धड़ाम हो गए.
यूं तो ये कोई अनोखी बात नहीं है और अक्सर कई मंच और कुर्सियों से मंत्रियों को गिरते हुए देखा गया है लेकिन, इस घटना पर विरोधी काना-फूसी करते हुए चुटकी लेते हुए जरूर नजर आए.
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काना-फूसी करने वाले कह रहे हैं कि जब इस सरकार के मंत्री अपनी कुर्सी ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो गैरसैंण का क्या विकास करेंगे? हालांकि इसके बाद मंत्रीजी बमुश्किल खुद को बचाते हुए कुर्सी से उठे और उनके लिए दूसरी कुर्सी लायी गई. इसके बाद मंत्रीजी ने फौरन कुर्सी बदलने के आदेश दिया और कुर्सी टूटने पर आश्चर्य भी जताया.