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बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए कई विभाग, उत्तराखंड ने पहली बार पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य को किया पूरा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 30, 2023, 5:45 PM IST

Updated : Sep 30, 2023, 6:27 PM IST

Uttarakhand met half yearly target of capital expenditure उत्तराखंड ने पहली बार पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य को पूरा करने में सफलता हासिल की है. पूंजीगत व्यय 8797 करोड़ रुपये में से 4800 करोड़ रुपए व्यय किए हैं. हालांकि बजट व्यय में कई विभाग ऐसे है, जो फिसड्डी साबित हुए हैं.

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बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए कई विभाग

देहरादून: उत्तराखंड ने पहली बार पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य को पूरा कर लिया है. जिसे वित्त विभाग एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है. दरअसल, भारत सरकार ने सभी राज्यों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए "स्कीम फॉर स्पेशियल एसिस्टेटस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2023-24" के तहत राज्यों के लिए सितंबर 2023 तक पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को निर्धारित किया है. जिसके तहत उत्तराखंड के लिए पूंजीगत व्यय 8797 करोड़ रुपए वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 6 महीने में 45 फीसदी यानी करीब 4000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है. ऐसे में उत्तराखंड ने करीब 4000 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय के अर्द्धवार्षिक लक्ष्य को पूरा करते हुए करीब 4800 करोड़ रुपए व्यय किए हैं.

Uttarakhand met  half yearly target of capital expenditure
विभागों के पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य की स्थिति

2023-24 में 4800 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय हुआ: वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए वित्त विभाग ने बहुत प्रयास किए हैं, क्योंकि बजट का प्रावधान करने के अनुरूप धनराशि आवंटित की गई. पुर्नवियोग, आकस्मिकता निधि और अनुपूरक बजट के जरिए भी जरूरत के अनुसार बजट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में अर्धवार्षिक पूंजीगत व्यय के आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1695 करोड़ रुपए, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1082 करोड़ रुपए, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2805 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2138 करोड रुपए का पूंजीगत व्यय किया गया था, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 4800 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय हो चुका है.

राज्य की कर आय 9068 करोड़: प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वित्त विभाग, पूंजीगत व्यय की लगातार समीक्षाएं कर रहा है. वर्तमान समय तक राज्य की खुद की कर आय 9068 करोड़ रुपए हो गई है. जिसमें से करीब 2000 करोड़ नॉन टैक्स, करीब 5092 करोड़ केंद्रीय करों के सापेक्ष राज्यांश और करीब 6658 करोड़ केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं और अनुदान के रूप में शामिल है. ऐसे में करीब 22737 करोड़ रुपए की राजस्व आय एकत्र हो चुकी है. इसके अतिरिक्त राज्य के राजस्व के मुख्य स्रोत एसजीएसटी से 3747 करोड़, वैट से 1245 करोड़, स्टांप और रजिस्ट्रेशन से 1148 करोड़, आबकारी में 2085 करोड़ के साथ-साथ 579 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है.

सीएम धामी ने समय पर बजट खर्च करने के दिए निर्देश: दरअसल, पिछले सालों में यह देखा जाता रहा है कि साल के अंत में विभाग पूंजीगत व्यय को ठिकाने लगाने में जुट जाते थे. जिसको देखते हुए सीएम धामी ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सभी विभागों को इस बाबत निर्देश दिए थे कि समय पर बजट खर्च किया जाए. हालांकि, कुछ विभागों ने तो इसका इंप्लीमेंट किया, लेकिन तमाम विभागों की स्थिति अभी अभी दयनीय बनी हुई है. वर्तमान समय मे वित्तीय वर्ष का आधा समय खत्म हो चुका है, लेकिन उत्तराखंड के कई सरकारी विभाग बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं.

ये भी पढ़ें: पोमा ग्रुप उत्तराखंड में करेगा दो हजार करोड़ का निवेश, लंदन में CM धामी की उपस्थिति में हुआ MOU साइन

बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए कई विभाग

देहरादून: उत्तराखंड ने पहली बार पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य को पूरा कर लिया है. जिसे वित्त विभाग एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है. दरअसल, भारत सरकार ने सभी राज्यों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए "स्कीम फॉर स्पेशियल एसिस्टेटस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2023-24" के तहत राज्यों के लिए सितंबर 2023 तक पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को निर्धारित किया है. जिसके तहत उत्तराखंड के लिए पूंजीगत व्यय 8797 करोड़ रुपए वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 6 महीने में 45 फीसदी यानी करीब 4000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है. ऐसे में उत्तराखंड ने करीब 4000 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय के अर्द्धवार्षिक लक्ष्य को पूरा करते हुए करीब 4800 करोड़ रुपए व्यय किए हैं.

Uttarakhand met  half yearly target of capital expenditure
विभागों के पूंजीगत व्यय के अर्धवार्षिक लक्ष्य की स्थिति

2023-24 में 4800 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय हुआ: वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए वित्त विभाग ने बहुत प्रयास किए हैं, क्योंकि बजट का प्रावधान करने के अनुरूप धनराशि आवंटित की गई. पुर्नवियोग, आकस्मिकता निधि और अनुपूरक बजट के जरिए भी जरूरत के अनुसार बजट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में अर्धवार्षिक पूंजीगत व्यय के आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1695 करोड़ रुपए, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1082 करोड़ रुपए, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2805 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2138 करोड रुपए का पूंजीगत व्यय किया गया था, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 4800 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय हो चुका है.

राज्य की कर आय 9068 करोड़: प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वित्त विभाग, पूंजीगत व्यय की लगातार समीक्षाएं कर रहा है. वर्तमान समय तक राज्य की खुद की कर आय 9068 करोड़ रुपए हो गई है. जिसमें से करीब 2000 करोड़ नॉन टैक्स, करीब 5092 करोड़ केंद्रीय करों के सापेक्ष राज्यांश और करीब 6658 करोड़ केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं और अनुदान के रूप में शामिल है. ऐसे में करीब 22737 करोड़ रुपए की राजस्व आय एकत्र हो चुकी है. इसके अतिरिक्त राज्य के राजस्व के मुख्य स्रोत एसजीएसटी से 3747 करोड़, वैट से 1245 करोड़, स्टांप और रजिस्ट्रेशन से 1148 करोड़, आबकारी में 2085 करोड़ के साथ-साथ 579 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है.

सीएम धामी ने समय पर बजट खर्च करने के दिए निर्देश: दरअसल, पिछले सालों में यह देखा जाता रहा है कि साल के अंत में विभाग पूंजीगत व्यय को ठिकाने लगाने में जुट जाते थे. जिसको देखते हुए सीएम धामी ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सभी विभागों को इस बाबत निर्देश दिए थे कि समय पर बजट खर्च किया जाए. हालांकि, कुछ विभागों ने तो इसका इंप्लीमेंट किया, लेकिन तमाम विभागों की स्थिति अभी अभी दयनीय बनी हुई है. वर्तमान समय मे वित्तीय वर्ष का आधा समय खत्म हो चुका है, लेकिन उत्तराखंड के कई सरकारी विभाग बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं.

ये भी पढ़ें: पोमा ग्रुप उत्तराखंड में करेगा दो हजार करोड़ का निवेश, लंदन में CM धामी की उपस्थिति में हुआ MOU साइन

Last Updated : Sep 30, 2023, 6:27 PM IST
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