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उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक कैदी, सबसे ज्यादा बूरे हालात नैनीताल जिले के उप कारागार के

सबसे ज्यादा बूरे हालात नैनीताल जिले के उप कारागार हल्द्वानी के हैं. यहां वर्तमान में 1162 कैदी हैं, जबकि क्षमता मात्र 302 कैदियों की है. ऐसे ही कुछ हालात देहरादून जेल के भी हैं, यहां 1254 कैदी हैं, जबकि क्षमता 580 की है.

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Published : Apr 29, 2019, 5:15 PM IST

Updated : Apr 29, 2019, 7:01 PM IST

uttarakhand jail

देहरादून: उत्तराखंड के जेलों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या हो गई है. प्रदेश की 11 जेलों में 3420 कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन यहां इस समय 5390 कैदी हैं. वहीं रोज इन जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार की तरफ से अभीतक जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना बनती हुई नजर नहीं आ रही है. हालांकि कुछ निर्माणाधीन जेलों का निर्माण अभीतक पूरा नहीं हो पाया है.

पढ़ें- ब्रिटिश शासन के दौरान इन फाउंड्रियों में बनाया जाता था लोहा

उत्तराखंड में कुल 11 जेल हैं. क्षेत्र के आधार पर बात की जाए तो प्रदेश के 13 जिलों में से 7 जिलों में ही जेल बने हैं, बाकी के 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में कोई जेल नहीं है. वहीं, उधम सिंह नगर जिले में दो जेल है. पहली केंद्रीय जेल सितारगंज और दूसरा संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल है. इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल जिले में जिला कारागार के साथ एक-एक उप कारागार भी है.
हालांकि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों की बात करें तो लगभग सभी जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं. सबसे ज्यादा बूरे हालात नैनीताल जिले के उप कारागार हल्द्वानी के हैं. यहां वर्तमान में 1162 कैदी हैं, जबकि क्षमता मात्र 302 कैदियों की है. ऐसे ही कुछ हालात देहरादून जेल के भी हैं, यहां 1254 कैदी हैं, जबकि क्षमता 580 की है.

पढ़ें- अतिक्रमण पर सख्त हुआ नगर निगम, वसूल सकता है एक लाख तक का जुर्माना

जेल में बंद कैदियों के आंकड़े

  • जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों को रखने की है, लेकिन यहां 1254 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की है, लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की है. लेकिन यहां 189 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं. जिसमें
  • 16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन है.
  • हरिद्वार जिले की उप कारागार रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन है.
  • नैनीताल जिले की उप कारागार हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन है.
  • उधम सिंह नगर जिले में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की है. इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन है.
  • उधम सिंह नगर जिले में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं. जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.
  • जेलों में क्षमता से अधिक रखे जा रहे कैदियों को लेकर आईजी जेल पीवीके प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेल में बंद कैदियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए शासन खर्चा मुहैय्या कराता है. जेल के भीतर अभी खर्चो में कोई दिक्कत नहीं है. साथ उन्होंने बताया कि अभी कुछ जेल निर्माणाधीन हैं, जिसके बाद जेल में क्षमता से ज्यादा बंद कैदियों को राहत मिलेगी.

देहरादून: उत्तराखंड के जेलों की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या हो गई है. प्रदेश की 11 जेलों में 3420 कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन यहां इस समय 5390 कैदी हैं. वहीं रोज इन जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार की तरफ से अभीतक जेलों के विस्तार को लेकर कोई नई योजना बनती हुई नजर नहीं आ रही है. हालांकि कुछ निर्माणाधीन जेलों का निर्माण अभीतक पूरा नहीं हो पाया है.

पढ़ें- ब्रिटिश शासन के दौरान इन फाउंड्रियों में बनाया जाता था लोहा

उत्तराखंड में कुल 11 जेल हैं. क्षेत्र के आधार पर बात की जाए तो प्रदेश के 13 जिलों में से 7 जिलों में ही जेल बने हैं, बाकी के 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में कोई जेल नहीं है. वहीं, उधम सिंह नगर जिले में दो जेल है. पहली केंद्रीय जेल सितारगंज और दूसरा संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल है. इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल जिले में जिला कारागार के साथ एक-एक उप कारागार भी है.
हालांकि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों की बात करें तो लगभग सभी जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं. सबसे ज्यादा बूरे हालात नैनीताल जिले के उप कारागार हल्द्वानी के हैं. यहां वर्तमान में 1162 कैदी हैं, जबकि क्षमता मात्र 302 कैदियों की है. ऐसे ही कुछ हालात देहरादून जेल के भी हैं, यहां 1254 कैदी हैं, जबकि क्षमता 580 की है.

पढ़ें- अतिक्रमण पर सख्त हुआ नगर निगम, वसूल सकता है एक लाख तक का जुर्माना

जेल में बंद कैदियों के आंकड़े

  • जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों को रखने की है, लेकिन यहां 1254 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की है, लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की है. लेकिन यहां 189 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन है.
  • जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं. जिसमें
  • 16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन है.
  • हरिद्वार जिले की उप कारागार रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन है.
  • नैनीताल जिले की उप कारागार हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की है. लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन है.
  • उधम सिंह नगर जिले में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की है. इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं. जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन है.
  • उधम सिंह नगर जिले में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं. जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.
  • जेलों में क्षमता से अधिक रखे जा रहे कैदियों को लेकर आईजी जेल पीवीके प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेल में बंद कैदियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए शासन खर्चा मुहैय्या कराता है. जेल के भीतर अभी खर्चो में कोई दिक्कत नहीं है. साथ उन्होंने बताया कि अभी कुछ जेल निर्माणाधीन हैं, जिसके बाद जेल में क्षमता से ज्यादा बंद कैदियों को राहत मिलेगी.
Intro:नोट - फ़ाइल विसुअल और कॉल रिकॉर्डिंग FTP से भेजी गई है
(UK_DDN_29 April 2019_Jail Me Band Kaidi)


उत्तराखंड राज्य के तमाम जेल अपने सबसे बुरे हालात से गुजर रहे है। जिसकी वजह यह है कि प्रदेश के 11 जेलों में कैदी रखने की क्षमता 3420 है। बावजूद इसके जेलों में 5390 कैदी रखे गए है। और दिन पे दिन इन जेलों में कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन सरकार की ओर से इन जेलों को विस्तार करने की फिलहाल कोई योजना नज़र नही आ रही है। और जो जेल निर्माणाधीन है उन जेलों का कई सालों से निर्माण पूरा नही हो पाया है। इन जेलों में क्षमता से ज्यादा भरे गए कैदियों की वजह से जेल की व्यवस्था भी बिगड़ती जा रही है।


Body:उत्तराखंड में कुल 11 जेल है। अगर क्षेत्रवार जेलों की बात करे तो प्रदेश के 13 जिलो में से 7 जिले में ही जेल बने है बाकी 6 जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बगेश्वर और चम्पावत में कोई जेल नही है। जबकि जिला उधमसिंह नगर में जेल के नाम पर दो जेल है, पहला केंद्रीय जेल सितारगंज और दूसरा संपूर्णानंद शिविर सितारगंज जेल से है। और जिला हरिद्वार और नैनीताल में जिला कारागार के साथ ही एक-एक उप कारागार भी हैं।

हालांकि अगर प्रदेश के जेलों में बन्द कैदियों की बात करे तो लगभग सभी जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी रखे गए है। सबसे ज्यादा कैदी जिला नैनीताल के उप कारागार हल्द्वानी में 302 कैदियों की क्षमता के बावजूद 1162 कैदी भरे गए है। जो कि जेल की क्षमता से करीब चार गुना अधिक कैदी रखे है। इसके साथ ही जिला देहरादून के जेल में कैदियों की क्षमता 580 से दोगुना से भी अधिक 1254 कैदी रखे गए हैं।


..........जेल में बंद कैदियों के आंकड़े..........

1 - जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 1254 कैदी रखे गए हैं जिसमें 488 कैदी सजायाफ्ता और 766 कैदी विचाराधीन है।

2 - जिला जेल हरिद्वार की क्षमता 840 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 1416 कैदी रखे गए हैं जिसमें 920 कैदी सजायाफ्ता और 496 कैदी विचाराधीन है।

3 - जिला जेल नैनीताल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 98 कैदी रखे गए हैं जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 79 कैदी विचाराधीन है।

4 - जिला जेल अल्मोड़ा की क्षमता 102 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 189 कैदी रखे गए हैं जिसमें 79 कैदी सजायाफ्ता और 120 कैदी विचाराधीन है।

5 - जिला जेल चमोली की क्षमता 169 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 73 कैदी रखे गए हैं जिसमें 32 कैदी सजायाफ्ता और 41 कैदी विचाराधीन है।

6 - जिला जेल पौड़ी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 135 कैदी रखे गए हैं जिसमें 53 कैदी सजायाफ्ता और 82 कैदी विचाराधीन है।

7 - जिला जेल टिहरी की क्षमता 150 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 115 कैदी रखे गए हैं जिसमें 16 कैदी सजायाफ्ता और 99 कैदी विचाराधीन है।

8 - जिला हरिद्वार की उप जेल रुड़की की क्षमता 244 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 401 कैदी रखे गए हैं जिसमें 19 कैदी सजायाफ्ता और 382 कैदी विचाराधीन है।

9 - जिला नैनीताल की उप जेल हल्द्वानी की क्षमता 302 कैदियों को रखने की है लेकिन इसमें 1162 कैदी रखे गए हैं जिसमें 114 कैदी सजायाफ्ता और 1048 कैदी विचाराधीन है।

10 - जिला उधमसिंह नगर में बना केंद्रीय जेल सितारगंज की क्षमता 512 कैदियों को रखने की है और इस जेल में 500 कैदी रखे गए हैं जिसमें 385 कैदी सजायाफ्ता और 115 कैदी विचाराधीन है।

11 - जिला उधमसिंह नगर में बना संपूर्णानंद शिविर जेल सितारगंज की क्षमता 300 कैदियों को रखने की है और इस जेल में मात्र 47 कैदी रखे गए हैं जिसमें सभी कैदी सजायाफ्ता है।


आईजी जेल पीवीके प्रसाद ने फोन पर हुए बातचीत में ईटीवी भारत को बताया कि जेल में बंद सभी कैदियों के अनुसार, शासन खर्चा मुहैय्या करती है। ताकि जेल में बंद कैदियों को कोई दिक्कत न हो। साथ ही कहा कि अभी तक जेल के भीतर खर्चे की कोई दिक्कत नही है। और जेलों के विस्तार पर आईजी जेल ने बताया कि अभी कुछ जेल निर्माणाधीन है। जिसके बाद जेल में क्षमता से ज्यादा बंद कैदियों को राहत मिलेगी।




Conclusion:
Last Updated : Apr 29, 2019, 7:01 PM IST
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