मसूरी: उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के सदस्यों ने उत्तराखंड सरकार पर पर्यटन को लेकर मूलभूत सुविधा उपलब्ध न करवाने का आरोप लगाया है. इस संबंध में मसूरी की गई चर्चा के दौरान व्यवसायियों ने कहा कि पर्यटकों को यहां मूलभूत सुविधाएं न मिलने से प्रदेश के पर्यटन में लगातार कमी हो रही है. जबकि प्रदेश की तीन चौथाई जनता भी पर्यटन व्यवसाय पर आधारित है और यहां 30% जीडीपी पर्यटन व्यवसाय से है.
होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि जून माह के पहले सप्ताह तो प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय में बड़ी तेजी दर्ज की गई. लेकिन, उत्तराखंड सैलानियों के उमड़े सैलाब के बाद प्रदेश की सुविधाओं की पोल खुल गई. जिसके बाद से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन के पीक सीजन के दौरान लगे जाम और लोगों को हुई असुविधा की खबरें देखने के बाद मसूरी और नैनीताल के कई होटलों में सैलानियों ने अपनी बुकिंग कैंसल करवा ली है.
पढ़ें- पंचायती राज एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने
संदीप साहनी ने नैनीताल में वाहनों के प्रवेश पर रोक को लेकर पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था के खिलाफ नारजगी जताई. उन्होंने कहा कि इसी तरीके का हाल रहा तो प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा, जिसका असर प्रदेश के रोजगार पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं को लेकर उत्तराखंड होटल एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक 15 जुलाई को देहरादून में होगी.
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात कर अपने पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं को लेकर अपने सुझाव भी देगा. संदीप साहनी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार यात्रियों के लिए चार धाम यात्रा को सुलभ बनाने के मकसद से ऑल वेदर रोड का निर्माण करा रही है, लेकिन पर्यटन नगरी मसूरी और नैनीताल को इस योजना से नहीं जोड़ा गया है जबकि हर साल लाखों की तादाद में देश-विदेश के पर्यटक मसूरी और नैनीताल आते हैं. ऐसे में यहां की सड़कों को भी ऑल वेदर रोड से जोड़ा जाना चाहिए.