देहरादून: उद्यान विभाग में हुए घोटाले को लेकर बीते रोज 26 अक्टूबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने इस मामले सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट के इस आदेश के बाद उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सरकार हरमिंदर सिंह बवेजा को पहले ही सस्पेंड कर चुकी है. वहीं कोर्ट आदेश में बीजेपी विधायक का भी जिक्र किया गया है, जिस कारण इस घोटाले में विपक्ष को भी बीजेपी सरकार हमला करने का मौका मिल गया है.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो इस केस में सीबीआई का पूरा सहयोग करे. इसके अलावा कोर्ट ने अपने फैसले में रानीखेत से बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल और उनके भाई का भी जिक्र किया है.
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याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को ये बताया: याचिकाकर्ता दीपक करगेती के अधिवक्ता विनय कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस घोटाले में राज्य का राजनीतिक वर्ग भी शामिल है. विनय कुमार ने इसमें तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य उद्यान अधिकारी, भीमताल राजेंद्र कुमार सिंह के जवाबी हलफनामे का हवाला दिया और जवाबी हलफनामे में दायर दस्तावेज पर अदालत का ध्यान आकर्षित किया. विनय कुमार ने कोर्ट को बताया कि उस दस्तावेज में 2022-2023 के दौरान हॉर्टिकल्चर मोबाइल टीम, बेतालघाट द्वारा विभिन्न किसानों को सेब के क्लोनल रूट स्टॉक जारी करने को दर्शाने वाली एक टेबल है. उनका कहना है कि मोबाइल टीम द्वारा वितरित 3100 क्लोनल रूट स्टॉक में से 2402 केवल एक ही व्यक्ति यानी सतीश नैनवाल को वितरित किए गए जो मौजूदा विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई भी हैं.
विनय कुमार ने ये भी बताया कि इसके लिए जांच जरूरी है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में क्लोनल रूट स्टॉक वास्तव में सतीश नैनवाल को आवंटित किए गए थे, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पौधे लगाने के लिए सतीश नैनवाल और उनके परिवार के पास पर्याप्त जमीन नहीं थी. उनका कोर्ट को बताया कि डॉ. प्रमोद नैनवाल ने भी एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने ये प्रमाणित किया है कि उनकी जमीन पर जो 3000 सेब और कीवी के क्लोनल रूट स्टॉक लगाए गए हैं वो सुरक्षित और संरक्षित हैं, साथ ही उच्च क्वालिटी वाले हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल, हरमिंदर सिंह बवेजा के काफी करीबी हैं.
बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने किया फैसला का स्वागत: दरअसल, उद्यान विभाग में चल रही गड़बड़ी का मामला उत्तरकाशी जिले की पुरोला विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने भी उठाया था. उन्होंने ग्राउंड पर जाकर एक वीडियो बनाया था, जो काफी वायरल हुआ था, जिसके बाद से ही उद्यान विभाग के घोटाले के मुद्दा सियासत में उठ गया था. अब इस मामले पर विधायक दुर्गेश्वर लाल की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि जिस तरह से सरकार लगातार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है, उसी का नतीजा है कि भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है.
कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने: इस मामले के उजागर होने पर बीजेपी जहां एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सरकार की जीरो टॉलरेज की नीति को तारीफ कर रही थी, तो वहीं कांग्रेस अब बीजेपी पर कटाक्ष कर रही है. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि उत्तराखंड में धामी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है.
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अपनों पर बीजेपी का गोलमोल जवाब: वहीं, इस मामले में बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल का नाम सामने आने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जिसने भी गलत काम किया होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं इस बारे में बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल का कहना है कि उद्यान विभाग के कुछ अधिकारी मिलकर उत्तराखंड के लोगों का बेवकूफ बना रहे थे और सरकार का पैसा अपने चहेतों में बांट रहे थे. इस मामले में अगर किसी और का भी नाम सामने आता है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए और दोषी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि, अभी बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल का नाम इस केस में है या नहीं, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
कांग्रेस को मिला मौका: उद्यान विभाग घोटाले में बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल का नाम कथित तौर पर आने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर कृषि मंत्री गणेश जोशी इस मामले में अच्छा काम करते तो कोर्ट को इस पूरे मामले में संज्ञान नहीं लेना पड़ता.
उन्होंने कहा कि बवेजा पर 500 से 600 करोड़ के गबन का मामला केवल उत्तरकाशी जिले में है. इसके अलावा 300 से 400 करोड़ के मामले प्रदेश के अन्य जिलों के हैं. उन्होंने रानीखेत में वर्तमान भाजपा विधायक के भाई का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर विभाग ने बिना जमीन के पौधे वितरित किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में बवेजा तो केवल एक कठपुतली हैं, जबकि मगरमच्छ तो कोई और है. खुद मंत्री को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.