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वन दरोगा भर्ती के मामले में हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी, खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को किया निरस्त

वन दरोगा भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे युवाओं के अच्छी खबर है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन दरोगा भर्ती पर लगी रोक हटा दी है. मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के अंतरिम आदेश को निरस्त करते हुए याचिका को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट
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Published : Jul 25, 2023, 9:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन दरोगा भर्ती के मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (UKSSSC) की विशेष अपील पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के अंतरिम आदेश को निरस्त करते हुए याचिका को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं.

मामले के अनुसार एकलपीठ ने 22 जून 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से संचालित फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को चयन आयोग ने खंडपीठ में चुनौती दी, जिसपर आज सुनवाई हुई.
पढे़ं- वन दारोगा परीक्षा रद्द होने पर युवाओं ने कराया मुंडन, CM आवास का किया कूच

मामले को कुछ अभ्यर्थियों ने चुनौती देते हुए कहा गया था कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की और अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा भी संपन्न करा दी, लेकिन इसी बीच परीक्षा भर्ती घोटाला सामने आया और बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर और नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी. अभ्यर्थियों का कहना था कि लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिये सफल उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया गया.

इस भर्ती प्रक्रिया को कुछ अभ्यर्थियों ने एकलपीठ में चुनौती दी गयी, जिसपर एकलपीठ ने रोक लगा दी. सुनवाई के दौरान आज आयोग ने कहा गया कि 53,000 से अधिक उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया और नकल के आरोपियों की पहचान करना संभव नहीं है. कुछ अभ्यर्थियों की वजह से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो पाई, जिसकी वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाय.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन दरोगा भर्ती के मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (UKSSSC) की विशेष अपील पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के अंतरिम आदेश को निरस्त करते हुए याचिका को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं.

मामले के अनुसार एकलपीठ ने 22 जून 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से संचालित फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को चयन आयोग ने खंडपीठ में चुनौती दी, जिसपर आज सुनवाई हुई.
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मामले को कुछ अभ्यर्थियों ने चुनौती देते हुए कहा गया था कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की और अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा भी संपन्न करा दी, लेकिन इसी बीच परीक्षा भर्ती घोटाला सामने आया और बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर और नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी. अभ्यर्थियों का कहना था कि लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिये सफल उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया गया.

इस भर्ती प्रक्रिया को कुछ अभ्यर्थियों ने एकलपीठ में चुनौती दी गयी, जिसपर एकलपीठ ने रोक लगा दी. सुनवाई के दौरान आज आयोग ने कहा गया कि 53,000 से अधिक उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया और नकल के आरोपियों की पहचान करना संभव नहीं है. कुछ अभ्यर्थियों की वजह से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो पाई, जिसकी वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाय.

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