देहरादून: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार जोशी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की है. आज मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने निर्णय देते हुए उनकी नियुक्ति को नियम विरुद्ध पाते हुए उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं. मामले में खंडपीठ ने 15 जून को सुनवाई पूरी कर ली थी. जिसमें आज खंडपीठ ने अपना निर्णय दिया है. खंडपीठ ने याचिका को भी निस्तारित कर दिया है.
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हरिद्वार निवासी विनोद कुमार चौहान ने याचिका दायर कर कहा था कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार जोशी की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई है. जोशी कुलपति हेतु निर्धारित योग्यता नहीं रखते है. उनके पास कुलपति के पद के लिए अनुभव नहीं है, इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि कुलपति ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. साथ ही वित्तीय अनियमितताएं भी की हैं और शासकीय निर्णयों के विरुद्ध जाकर खुद निर्णय लिए हैं.
बता दें कि साल 2020 में उत्तराखंड की तत्कालीन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने डॉ. सुनील कुमार जोशी को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया था. इससे पहले वह कार्यवाहक के कुलपति के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. राज्यपाल ने उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की थी.
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