देहरादूनः उत्तराखंड में 2 विश्वविद्यालयों में कुलपति के तौर पर कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह की तरफ से आदेश किए गए हैं. आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति की जिम्मेदारी दी गई है. आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ऑफिसर अरुण कुमार त्रिपाठी को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया है तो कुमाऊं विश्वविद्यालय में दीवान सिंह रावत को कुलपति की जिम्मेदारी दी गई.
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने आदेश जारी कर दिया है. फिलहाल आयुर्वेद निदेशालय में निदेशक की जिम्मेदारी देख रहे प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी को कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सुनील जोशी कुलपति की जिम्मेदारी देख रहे थे, लेकिन हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को रद्द करने के निर्देश जारी किए थे.
इन्हीं निर्देशों के क्रम में कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मौजूदा व्यवस्था सुचारू रखने के लिए कार्यवाहक कुलपति के तौर पर प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी को जिम्मेदारी देने से जुड़ा आदेश जारी किया है. अरुण कुमार त्रिपाठी को अगले 6 महीने या स्थाई कुलपति की नियुक्ति होने तक के लिए जिम्मेदारी दी गई है. हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद से ही लगातार विश्वविद्यालय में नए कुलपति के लिए आदेश होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, हालांकि फिलहाल कुलपति पद के लिए जरूरी चयन प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है.
राजभवन से कुमाऊं विश्वविद्यालय को लेकर भी आदेश जारी किया गया है, जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति के तौर पर प्रोफेसर दीवान सिंह रावत को जिम्मेदारी दी गई है. प्रोफेसर दीवान सिंह रावत, अध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग देख रहे थे. आदेश के अनुसार, दीवान सिंह रावत को 3 साल के लिए कुलपति की जिम्मेदारी दी गई है.