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उत्तराखंड सरकार पर बढ़ता कर्ज, वायु सेना के पत्र से तेज हुई हलचल

साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के समय वायु सेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर राहत कार्य में मदद की थी. इस दौरान वायु सेना और उत्तराखंड सरकार का एक समझौता हुआ था, जिसके तहत उत्तराखंड सरकार को 20 करोड़ रुपये देने थे. जिसका भुगतान अबतक नहीं किया गया है.

उत्तराखंड सरकार पर वायु सेना का कर्जा
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Published : Sep 11, 2019, 5:53 PM IST

Updated : Sep 11, 2019, 6:07 PM IST

देहरादून: केदार घाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. जिसके एवज में उत्तराखंड सरकार द्वारा वायु सेना को 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. जिसमे से 17 करोड़ का भुगतान आपदा विभाग को करना है. वही तीन करोड़ रुपये यूकाडा पर बकाया है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर

भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्य में आये खर्च के भुगतान को लेकर भारतीय वायु सेना ने बीते दिनों उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब मंगा था. जिसके बाद शासन स्तर पर भुगतान को लेकर हलचल तेज हो गयी है. बता दें कि साल 2013 में आयी त्रासदी को 6 सालों से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक वायु सेना का भुगतान नहीं हो पाया है.

पढे़ं- मसूरी-यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, वाहनों की लगी कतारें

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था. उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था. जिसके तहत वायु सेना ने अपनी सेवाएं दी थी. उन्होंने कहा कि धनराशि का प्रबंध हो जाने पर जल्द से जल्द वायु सेना का भुगतान कर दिया जाएगा.

देहरादून: केदार घाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. जिसके एवज में उत्तराखंड सरकार द्वारा वायु सेना को 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. जिसमे से 17 करोड़ का भुगतान आपदा विभाग को करना है. वही तीन करोड़ रुपये यूकाडा पर बकाया है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर

भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्य में आये खर्च के भुगतान को लेकर भारतीय वायु सेना ने बीते दिनों उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब मंगा था. जिसके बाद शासन स्तर पर भुगतान को लेकर हलचल तेज हो गयी है. बता दें कि साल 2013 में आयी त्रासदी को 6 सालों से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक वायु सेना का भुगतान नहीं हो पाया है.

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था. उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था. जिसके तहत वायु सेना ने अपनी सेवाएं दी थी. उन्होंने कहा कि धनराशि का प्रबंध हो जाने पर जल्द से जल्द वायु सेना का भुगतान कर दिया जाएगा.

Intro:केदार घाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुण्ड साहिब में फसे यात्रियों को निकालने में भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभायी थी। हालांकि उस दौरान उत्तराखंड सरकार और वायु सेना का एक समझौता हुआ था। उसके तहत आपदा राहत, और बचाव कार्य के एवज में उत्तराखंड सरकार को करीब 20 करोड़ रुपये का भुकतान किया जाना है। जिसमे लगभग 17 करोड़ का भुकतान आपदा विभाग द्वारा किया जाएगा और करीब 3 करोड़ का भुकतान सिविल एविएशन कॉरपोरेशन, उकाडा के माध्यम से किया जाएगा।


Body:भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्य मे आये खर्च के भुकतान को लेकर भारतीय वायु सेना ने बीते दिनों उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब मंगा था। जिसके बाद शासन स्तर पर भुकतान को लेकर हलचल तेज हो गयी थी। लेकिन साल 2013 में आयी त्रासदी को 6 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक वायु सेना को भुकतान नही हो पाया है। ऐसे में एक बाद चिंता का विषय है कि आने वाले समय मे अगर कही आपदा जैसी स्तिथि बनती है तो वायु सेना अपने हाथ खड़े न कर दे।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था। और उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था जिसके तहत ही आपदा के दौरान वायु सेना ने ये सेवाएं दी थी। साथ ही बताया कि इसमें दो विभाग का विषय है और बजट की मांग की जा रही है। जैसे ही पैसा अवेलेबल हो जाएगा, वायु सेना को भुगतान कर दिया जाएगा।


Conclusion:
Last Updated : Sep 11, 2019, 6:07 PM IST
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