देहरादून: पिछले लंबे समय से प्रदेश के सहकारी और राजकीय चीनी मिल संचालक शेष बचे 33% गन्ना मूल्य भुगतान की मांग कर रहे हैं. जिसके बाद अब जाकर सरकार हरकत में नजर आ रही है. राजकीय और सहकारी चीनी मिलों का बकाया भुगतान करने के लिए शासन स्तर पर 200 करोड़ की धनराशि रिलीज करने की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में जैसे ही शासन से 200 करोड़ की धनराशि रिलीज होती है, वैसे ही किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया जाएगा.
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास निगम के प्रभारी सचिव चंद्रेश यादव ने बताया कि राज्य में करीब 67 फीसदी गन्ने मूल्य का भुगतान किया जा चुका है. वहीं, शेष बचे 33 फीसदी बकाया गन्ने मूल्य के भुगतान के लिए 200 करोड़ धनराशि की मांग शासन से की गई है. ऐसे में जैसे ही शासन से पैसे रिलीज होते हैं. वैसे, ही प्रदेश के सहकारी और राजकीय चीनी मिलों, जिसमें बाजपुर, किच्छा नादेही, डोईवाला चीनी मिल का नाम शामिल है. उनके बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़े: अस्पतालों में स्टाफ नर्सों की कमी, आखिर कैसे जीतेंगे जंग?
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 7 चीनी मिल संचालित हो रही हैं. जिसमें 2 सहकारी चीनी मिल बाजपुर व नादेही में हैं. वहीं, कॉर्पोरेशन की 2 चीनी मिल का संचालन किच्छा और डोईवाला में किया जा रहा है. इसके अलावा हरिद्वार जनपद में 3 निजी निजी चीनी मिल का भी संचालन हो रहा है, जिसमें लिब्बरहेड़ी, इकबालपुर चीनी मिल और लक्सर चीनी मिल का नाम शामिल हैं.