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उत्तराखंड: मोटे अनाजों को बढ़ावा देने को लेकर आयोजित होंगे मिलेट्स मेले

उत्तराखंड सरकार प्रदेशवासियों को पौष्टिक आहार के प्रति जागरूक करने के लिए जल्द ही मिलेट्स मेले का आयोजन करने जा रही है, जिसकी शुरुआत ऋषिकेश से की जाएगी. मिलेट्स मेले का मकसद आम जनमानस को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक करना है. साथ ही लोगों की डाइट में मिलेट को वापस लाना है.

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Published : Dec 5, 2022, 9:33 PM IST

देहरादून: वर्तमान समय में पोषक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज सिर्फ गरीबों की थाली तक सीमित रह गया है, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार मोटे अनाजों को आम जनता के थाली तक पहुंचना चाहती है. दरअसल, मोटे अनाजों के पौष्टिक गुणों को देखते हुए सरकार सभी लोगों की डाइट में शामिल करने के लिए मिलेट्स थीम पर ईट राइट मेलों का आयोजन करने जा रही है, जिसकी शुरूआत ऋषिकेश से होगी. मिलेट्स मेलों के माध्यम से आम जनमानस को मोटे अनाजों और उनके पौष्टिक गुणों के प्रति जागरूक किया जाएगा. जिससे लोग इस सुपर फूड को अपने भोजन की थाली में शामिल कर सके.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेशभर में मिलेट्स मेलों का आयोजन किया जाएगा. जिसका मकसद आम जनमानस को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक करना है. साथ ही लोगों की डाइट में मिलेट को वापस लाना है. डॉ रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेशभर में मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए लगातार काम कर रही है. इसी क्रम में जनवरी माह में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से ऋषिकेश में मिलेट थीम पर ईट राइट मेले का आयोजन किया जायेगा, जिसमें लोगों को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक किया जायेगा. पढे़ं- मुनस्यारी महोत्सव का CM धामी ने किया शुभारंभ, बताया 'सार संसार एक मुनस्यार' का अर्थ

साथ ही कहा कि इसके बाद फरवरी महीने में श्रीनगर जबकि मार्च महीने में अल्मोड़ा में ऐसे मेले आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि मिलेट्स मेले में कम से कम 5 फूड स्टॉल पर मिलेट्स से बने व्यंजनों का प्रदर्शन किया जायेगा. मिलेट से बने व्यंजनों से जुड़े इंफो ग्राफिक्स प्रदर्शित किए जायेंगे. मोटे अनाजों से बने स्वास्थ्यवर्धक आहारों की विधियां बताई जायेगी. मिलेट्स पर आयोजित पाक कला के तहत क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी, स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता के साथ ही नुक्कड़-नाटकों का आयोजन किया जायेगा.

विभागीय मंत्री ने बताया कि मोटे अनाजों के महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रस्ताव दिया था कि वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट् के तौर पर मनाया जाय, जिसके बाद यूएनजीए ने वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाने की घोषणा की.
पढे़ं- देहरादून में ड्रोन से होगी दवा की डिलीवरी, निजी कंपनी ने शुरू की सर्विस

उन्होंने कहा कि पहले सभी लोग खास कर उत्तराखंड के लोग मोटे अनाजों का सेवन करते थे, लेकिन देखा देखी के कारण यहां के लोगों ने मोटे अनाजों को अपनी थाली से दूर कर दिया. डॉ रावत ने बताया कि बाजरा, ज्वार, रागी, चिन्ना, कोदो, समा, कंगनी आदि सुपर फूड हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद हैं.

इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैंजीन, मैग्नीशियम, फासफोरस, जिंक जैसे अनेकों पोषक तत्वों हैं साथ ही मिलेट्स एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन, सैपोनिन और लिग्नन्स का पावरहाउस भी हैं. उन्होंने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों की ओर लोग धीरे-धीरे लौट रहे और उन्हें अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, जो अच्छे संकेत हैं.

देहरादून: वर्तमान समय में पोषक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज सिर्फ गरीबों की थाली तक सीमित रह गया है, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार मोटे अनाजों को आम जनता के थाली तक पहुंचना चाहती है. दरअसल, मोटे अनाजों के पौष्टिक गुणों को देखते हुए सरकार सभी लोगों की डाइट में शामिल करने के लिए मिलेट्स थीम पर ईट राइट मेलों का आयोजन करने जा रही है, जिसकी शुरूआत ऋषिकेश से होगी. मिलेट्स मेलों के माध्यम से आम जनमानस को मोटे अनाजों और उनके पौष्टिक गुणों के प्रति जागरूक किया जाएगा. जिससे लोग इस सुपर फूड को अपने भोजन की थाली में शामिल कर सके.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेशभर में मिलेट्स मेलों का आयोजन किया जाएगा. जिसका मकसद आम जनमानस को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक करना है. साथ ही लोगों की डाइट में मिलेट को वापस लाना है. डॉ रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेशभर में मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए लगातार काम कर रही है. इसी क्रम में जनवरी माह में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से ऋषिकेश में मिलेट थीम पर ईट राइट मेले का आयोजन किया जायेगा, जिसमें लोगों को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक किया जायेगा. पढे़ं- मुनस्यारी महोत्सव का CM धामी ने किया शुभारंभ, बताया 'सार संसार एक मुनस्यार' का अर्थ

साथ ही कहा कि इसके बाद फरवरी महीने में श्रीनगर जबकि मार्च महीने में अल्मोड़ा में ऐसे मेले आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि मिलेट्स मेले में कम से कम 5 फूड स्टॉल पर मिलेट्स से बने व्यंजनों का प्रदर्शन किया जायेगा. मिलेट से बने व्यंजनों से जुड़े इंफो ग्राफिक्स प्रदर्शित किए जायेंगे. मोटे अनाजों से बने स्वास्थ्यवर्धक आहारों की विधियां बताई जायेगी. मिलेट्स पर आयोजित पाक कला के तहत क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी, स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता के साथ ही नुक्कड़-नाटकों का आयोजन किया जायेगा.

विभागीय मंत्री ने बताया कि मोटे अनाजों के महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रस्ताव दिया था कि वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट् के तौर पर मनाया जाय, जिसके बाद यूएनजीए ने वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाने की घोषणा की.
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उन्होंने कहा कि पहले सभी लोग खास कर उत्तराखंड के लोग मोटे अनाजों का सेवन करते थे, लेकिन देखा देखी के कारण यहां के लोगों ने मोटे अनाजों को अपनी थाली से दूर कर दिया. डॉ रावत ने बताया कि बाजरा, ज्वार, रागी, चिन्ना, कोदो, समा, कंगनी आदि सुपर फूड हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद हैं.

इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैंजीन, मैग्नीशियम, फासफोरस, जिंक जैसे अनेकों पोषक तत्वों हैं साथ ही मिलेट्स एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन, सैपोनिन और लिग्नन्स का पावरहाउस भी हैं. उन्होंने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों की ओर लोग धीरे-धीरे लौट रहे और उन्हें अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, जो अच्छे संकेत हैं.

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