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EXCLUSIVE: ऋषिगंगा वैली में बनी झील को खाली कराएगी सरकार, इस प्लान के तहत होगा काम

ऋषि गंगा वैली में बनी झील को लेकर राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के बीच मंथन जारी है. सरकार इस झील को खाली करना चाहती है. वहीं, सरकार ने इस आपदा में 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक के नुकसान की संभावना जताई है.

lake built in Rishi Ganga valley
lake built in Rishi Ganga valley
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Published : Feb 16, 2021, 5:19 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 5:24 PM IST

देहरादून: जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा के बाद से रेस्क्यू अभियान जारी है. वहीं, ऋषि गंगा वैली में बनी झील को लेकर राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के बीच मंथन जारी है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऋषि गंगा वैली में बनी झील से रिसाव हो रहा है. लिहाजा ये झील खतरनाक नहीं है. लेकिन भविष्य के खतरों को देखते हुए राज्य सरकार इस झील को खाली कराने पर विचार कर रही है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार भारत सरकार की इंस्टिट्यूशन की भी सहायता लेगी. यही नहीं, रैणी गांव में आयी आपदा के नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है.

ऋषि गंगा वैली में बनी झील को खाली कराएगी सरकार- मुख्य सचिव.

ऋषिगंगा वैली में बनी झील को खाली करने पर विचार

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि झील अभी स्टेबल है और उस झील से रिसाव हो रहा है. ऐसे में रिसाव होना अच्छा है. साथ ही कहा कि जो वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट सौंपी है. उस पर अध्ययन किया जा रहा है. जिसके बाद तय किया जाएगा कि क्या करना है? इसके लिए भारत सरकार की मदद भी लेनी पड़ सकती है. क्योंकि सरकार का प्रयास है कि ऋषिगंगा में बनी झील को खाली करा दिया जाए.

पढ़ें- चमोली आपदा: तपोवन डैम में गिरे लोगों की तलाश अब होगी शुरू, युद्धस्तर पर जारी ऑपरेशन

ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टिट्यूट स्थापित करने के प्रस्ताव में जुटा शासन

ओमप्रकाश ने बताया कि एक प्रस्ताव पर सहमति बनी है कि प्रदेश में एक ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टिट्यूट को स्थापित किया जाए, जिससे उत्तराखंड के हिमालय रीजन में मौजूद ग्लेशियर की लगातार स्टडी कराई जा सके. इसका प्रस्ताव तैयार जा रहा है, जिसे जल्द ही भारत सरकार को भेजा जाएगा.

पढ़ें- महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरी कांग्रेस, सिलेंडर लेकर किया प्रदर्शन

आपदा से करीब 2 हजार करोड़ के नुकसान की संभावना

जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा से जानमाल को काफी नुकसान पहुंचा है. राज सरकार इस आपदा से हुए आर्थिक नुकसान का आकलन करने में जुट गई है. वहीं, नुकसान के आकलन के सवाल पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अभी पूरा स्पष्ट आकलन नहीं है. लेकिन आपदा से सरकार को 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक के नुकसान की संभावना है.

देहरादून: जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा के बाद से रेस्क्यू अभियान जारी है. वहीं, ऋषि गंगा वैली में बनी झील को लेकर राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के बीच मंथन जारी है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऋषि गंगा वैली में बनी झील से रिसाव हो रहा है. लिहाजा ये झील खतरनाक नहीं है. लेकिन भविष्य के खतरों को देखते हुए राज्य सरकार इस झील को खाली कराने पर विचार कर रही है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार भारत सरकार की इंस्टिट्यूशन की भी सहायता लेगी. यही नहीं, रैणी गांव में आयी आपदा के नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है.

ऋषि गंगा वैली में बनी झील को खाली कराएगी सरकार- मुख्य सचिव.

ऋषिगंगा वैली में बनी झील को खाली करने पर विचार

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि झील अभी स्टेबल है और उस झील से रिसाव हो रहा है. ऐसे में रिसाव होना अच्छा है. साथ ही कहा कि जो वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट सौंपी है. उस पर अध्ययन किया जा रहा है. जिसके बाद तय किया जाएगा कि क्या करना है? इसके लिए भारत सरकार की मदद भी लेनी पड़ सकती है. क्योंकि सरकार का प्रयास है कि ऋषिगंगा में बनी झील को खाली करा दिया जाए.

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ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टिट्यूट स्थापित करने के प्रस्ताव में जुटा शासन

ओमप्रकाश ने बताया कि एक प्रस्ताव पर सहमति बनी है कि प्रदेश में एक ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टिट्यूट को स्थापित किया जाए, जिससे उत्तराखंड के हिमालय रीजन में मौजूद ग्लेशियर की लगातार स्टडी कराई जा सके. इसका प्रस्ताव तैयार जा रहा है, जिसे जल्द ही भारत सरकार को भेजा जाएगा.

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आपदा से करीब 2 हजार करोड़ के नुकसान की संभावना

जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा से जानमाल को काफी नुकसान पहुंचा है. राज सरकार इस आपदा से हुए आर्थिक नुकसान का आकलन करने में जुट गई है. वहीं, नुकसान के आकलन के सवाल पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि अभी पूरा स्पष्ट आकलन नहीं है. लेकिन आपदा से सरकार को 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक के नुकसान की संभावना है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 5:24 PM IST
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