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पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पतालों को प्रोत्साहित करेगी सरकार

प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं अब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार निजी अस्पतालों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है.

Dehradun News
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने में जुटा प्रशासन
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Published : Aug 19, 2020, 1:54 PM IST

देहरादून: राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की कवायद में जुट गई है. इसी क्रम में सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल और स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र खोलने वालों को अनुदान देने की योजना बना रही है. हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी अभाव है, जिसके चलते पर्वतीय क्षेत्रों के मरीजों को इलाज के लिए मैदानी जिलों का रुख करना पड़ता है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के मकसद से ये निर्णय लिया गया है. हालांकि इन निजी अस्पतालों को बाद में अटल आयुष्मान योजना से संबद्ध किया जाएगा.

उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी.
प्रदेशवासियों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिए जाने को लेकर राज्य सरकार ने साल 2018 में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. हालांकि यह योजना मैदानी जिलों में काफी सफल रही, लेकिन पर्वतीय जिलों में पर्याप्त अस्पताल न होने के कारण, मरीजों को मैदानी जिलों का रुख करना पड़ता है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि अगर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे निजी अस्पताल और स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र खुले गए तो इसका फायदा लोगों को मिलेगा.

पढ़ें-उत्तराखंड: खिलाड़ियों को मिलेगी सरकारी नौकरी, नई नियमावली बनाने के निर्देश

वहीं, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि बीते दिनों आयुष्मान भारत योजना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. जिसमें ये बात सामने आई थी कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पतालों की संख्या बहुत कम है. इसके साथ ही इंदु कुमार पांडेय ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें भी इस बात का जिक्र किया गया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग को ऐसा प्लान बनाना चाहिए ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में जो निजी अस्पताल या फिर नर्सिंग होम बनाना चाहते हैं, उनको प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है. लिहाजा अब एक पॉलिसी बनाई जाएगी और फिर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सरकार के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.

देहरादून: राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की कवायद में जुट गई है. इसी क्रम में सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल और स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र खोलने वालों को अनुदान देने की योजना बना रही है. हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी अभाव है, जिसके चलते पर्वतीय क्षेत्रों के मरीजों को इलाज के लिए मैदानी जिलों का रुख करना पड़ता है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के मकसद से ये निर्णय लिया गया है. हालांकि इन निजी अस्पतालों को बाद में अटल आयुष्मान योजना से संबद्ध किया जाएगा.

उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी.
प्रदेशवासियों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिए जाने को लेकर राज्य सरकार ने साल 2018 में अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. हालांकि यह योजना मैदानी जिलों में काफी सफल रही, लेकिन पर्वतीय जिलों में पर्याप्त अस्पताल न होने के कारण, मरीजों को मैदानी जिलों का रुख करना पड़ता है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि अगर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे निजी अस्पताल और स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र खुले गए तो इसका फायदा लोगों को मिलेगा.

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वहीं, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि बीते दिनों आयुष्मान भारत योजना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. जिसमें ये बात सामने आई थी कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पतालों की संख्या बहुत कम है. इसके साथ ही इंदु कुमार पांडेय ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें भी इस बात का जिक्र किया गया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग को ऐसा प्लान बनाना चाहिए ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में जो निजी अस्पताल या फिर नर्सिंग होम बनाना चाहते हैं, उनको प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है. लिहाजा अब एक पॉलिसी बनाई जाएगी और फिर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सरकार के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.

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