देहरादून: उत्तराखंड में रोजगार पर छिड़ी राजनीतिक बहस पूर्व सीएम हरीश रावत को महंगी पड़ती दिखाई दे रही है. दरअसल उन्होंने कहा था कि यदि बीजेपी सरकार ने 5 सालों में 3200 नौकरियां देने का रिकॉर्ड दिखा दे तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. जिसके पलटवार में अब भाजपा सरकार ने पूरे रिकॉर्ड को सार्वजनिक करते हुए हरीश रावत से पूछा है कि वह कब राजनीतिक संन्यास ले रहे हैं?
चुनाव से पहले प्रदेश में युवाओं को लेकर राजनीतिक लड़ाई आंकड़ों पर आ खड़ी हुई है. हरीश रावत ने दावा किया था कि सरकार ने पिछले 5 साल में 3200 नौकरियां भी नहीं दी है, यदि भाजपा सरकार ने 3200 नौकरियां देने की बात साबित कर दी तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. बस फिर क्या था, भाजपा संगठन से लेकर सरकार तक ने हरीश रावत पर तीखे हमले शुरू कर दिए.
हरदा के वार पर पलटवार करते हुए सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने भाजपा सरकार द्वारा दिए गए युवाओं की नौकरियों का पूरा रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिया. आंकड़ा पेश करते हुए उनियाल ने कहा जनसंख्या बढ़ रही है. इसलिए रोजगार की समस्या भी बढ़ती जा रही है, लेकिन इसके बावजूद पिछले 5 सालों में सरकार ने सरकारी नौकरी से लेकर निजी क्षेत्र और स्वरोजगार को बेहद ज्यादा तेजी से आगे बढ़ाया है.
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आंकड़े पेश करते हुए सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में लोक सेवा आयोग ने ही 3212 सीधी भर्तियां की हैं. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को मिलाकर प्रदेश में अब तक 10,000 से ज्यादा युवाओं को भर्ती आयोजित कर नियुक्ति पत्र भी दिए जा चुके हैं. इसके अलावा भी हजारों पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है. करीब 7,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, सुबोध उनियाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल द्वारा खनन को लेकर धामी सरकार पर लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि धामी सरकार में अब तक मत्स्य पालन के लिए एक, वन विकास निगम के लिए 7 और गढ़वाल मंडल विकास निगम के नवीनीकृत एक लॉट दिया गया है. जबकि हरीश रावत की सरकार में कुल 157 पट्टे खनन के दिए गए थे.