देहरादून: देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 192 नए मामले सामने आए थे. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के साथ राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार दोबार से कुछ सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है. शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं और कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदम को लेकर वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए 403 चिकित्सकों की जल्द नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा दो हजार से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ को भी तैनात किया जाएगा. यही नहीं स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर व्यवस्थाओं के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था से लेकर दूसरे महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं.
मुख्यमंत्री तीरथ ने लोगों से अपील की है कि राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर सभी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. पत्रकारों की तरफ से पूछे गए सवाल के बाद मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती करने जा रही है. जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े है, वहां से आने वाले लोगों की प्रदेश में एंट्री से पहले कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट देखी जाएगी.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की नाजरगी पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि वे उनके बड़े भाई हैं. ऐसी कोई स्थिति नहीं है. गैरसैंण में कमिश्नरी के मामले पर एक बार फिर से विचार किया जा रहा है. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.