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वन भूमि पर अतिक्रमणः महकमे को पता नहीं कब हुए कब्जे, 200 से ज्यादा अवैध धार्मिक स्थल चिन्हित - Forest Department took action on 15 tombs

उत्तराखंड वन विभाग ने वन भूमि पर 200 अतिक्रमणों की पहचान की है. ये अतिक्रमण धार्मिक स्थल बनाकर किए गए हैं. देहरादून डिवीजन के अंदर वन विभाग ने 15 मजारों पर कार्रवाई की है जो वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई थी.

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Published : Dec 15, 2022, 7:49 AM IST

Updated : Dec 15, 2022, 1:33 PM IST

वन भूमि पर अतिक्रमण मामले में जागा वन विभाग.

देहरादूनः उत्तराखंड की वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले अब विभाग के निशाने पर हैं. यूं तो न्यायालय भी इस मामले पर आदेश दे चुका है. लेकिन अब जाकर वन विभाग अतिक्रमित निर्माणों को चिन्हित (Forest Department identified encroachment sites) कर पाया है. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग की निगरानी करने वाले महकमे के अधिकारियों को ही यह नहीं पता कि यह निर्माण कब कब किये गये.

देहरादून डिवीजन में वन विभाग की धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई (Forest Department action on religious places) इन दिनों चर्चाओं में है. दरअसल, दून डिवीजन में कुल 17 अवैध रूप से बनाई गई मजारों को चिन्हित किया गया है. इसमें से 15 मजारों पर हथौड़ा चलाया गया है. मजे की बात ये है कि फॉरेस्ट लैंड में यह अतिक्रमण कब हुए यह वन विभाग के अधिकारियों को पता ही नहीं चला.
ये भी पढ़ेंः फिर चला धामी सरकार का बुलडोजर, कल्जीखाल में अवैध मजार ध्वस्त

बता दें कि राज्य में 200 से ज्यादा धार्मिक स्थल वन भूमि पर चयनित हुए हैं. हालांकि, कोर्ट पहले ही ऐसे अतिक्रमण वाले निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दे चुका है. लेकिन वन विभाग को यह जानकारी ही नहीं थी कि उनके कार्यक्षेत्र वाली ऐसी वन भूमि में अतिक्रमण कब हो गए. लिहाजा पिछले कई महीनों से लगातार ऐसी भूमि के चिन्हीकरण का काम चल रहा था. इसके बाद अब देहरादून डिवीजन से 15 मजारों पर कार्रवाई की शुरुआत की गई है.

वन विभाग की इस कार्रवाई को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि इस कार्रवाई का किसी धर्म विशेष से कोई मतलब नहीं है. उनकी तरफ से अधिकारियों को सीधे तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जितने भी अतिक्रमण हुए हैं, चाहे वह किसी के भी हों, उन्हें ध्वस्त किया जाए. किसी भी तरह की लापरवाही बरती जाएगी तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

वन भूमि पर अतिक्रमण मामले में जागा वन विभाग.

देहरादूनः उत्तराखंड की वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले अब विभाग के निशाने पर हैं. यूं तो न्यायालय भी इस मामले पर आदेश दे चुका है. लेकिन अब जाकर वन विभाग अतिक्रमित निर्माणों को चिन्हित (Forest Department identified encroachment sites) कर पाया है. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग की निगरानी करने वाले महकमे के अधिकारियों को ही यह नहीं पता कि यह निर्माण कब कब किये गये.

देहरादून डिवीजन में वन विभाग की धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई (Forest Department action on religious places) इन दिनों चर्चाओं में है. दरअसल, दून डिवीजन में कुल 17 अवैध रूप से बनाई गई मजारों को चिन्हित किया गया है. इसमें से 15 मजारों पर हथौड़ा चलाया गया है. मजे की बात ये है कि फॉरेस्ट लैंड में यह अतिक्रमण कब हुए यह वन विभाग के अधिकारियों को पता ही नहीं चला.
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बता दें कि राज्य में 200 से ज्यादा धार्मिक स्थल वन भूमि पर चयनित हुए हैं. हालांकि, कोर्ट पहले ही ऐसे अतिक्रमण वाले निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दे चुका है. लेकिन वन विभाग को यह जानकारी ही नहीं थी कि उनके कार्यक्षेत्र वाली ऐसी वन भूमि में अतिक्रमण कब हो गए. लिहाजा पिछले कई महीनों से लगातार ऐसी भूमि के चिन्हीकरण का काम चल रहा था. इसके बाद अब देहरादून डिवीजन से 15 मजारों पर कार्रवाई की शुरुआत की गई है.

वन विभाग की इस कार्रवाई को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि इस कार्रवाई का किसी धर्म विशेष से कोई मतलब नहीं है. उनकी तरफ से अधिकारियों को सीधे तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जितने भी अतिक्रमण हुए हैं, चाहे वह किसी के भी हों, उन्हें ध्वस्त किया जाए. किसी भी तरह की लापरवाही बरती जाएगी तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 15, 2022, 1:33 PM IST
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