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फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने चखा पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद, विदेशी मेहमान भी हुए मुरीद

विंटर लाइन कार्निवल के तहत उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. भाजपा विधायक गणेश जोशी व जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संस्कृति और खान पान का प्रचार प्रसार करना है .

winter line carnival
फूड फेस्टिवल
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Published : Dec 26, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 11:50 PM IST

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल के तहत उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. इस दौरान विभिन्न व्यंजनों व मिठाइयों का स्वाद चखने को लिए लोगों का तांता लगा रहा. फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊंनी व्यंजन जैसे घूमर, पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा और जौ की रोटी कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरा की खीर, मीठा भात, गुलगुला तोर की दाल, झंगोरा, वर्कर डाली का साग आदि व्यंजनों के स्वाद को चखकर विदेशी भी हैरान रहे.

फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने चखा पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद.

फूड फेस्टिवल का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर मास्टर शेफ माइकल सोनी, मसूरी विधायक गणेश जोशी, जिला अधिकारी सी रविशंकर और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया. पत्रकारों से वार्ता करते उन्होंने कहा की उत्तराखंड की संस्कृति और व्यंजनों को कार्निवल के माध्यम से प्रदर्शित कर उसका प्रचार प्रसार करने का अच्छा प्रयास है. उन्होंने बताया कि कार्निवल की कामयाबी का ये सातवा साल है. कार्यक्रम लगतार ऊंचाईयों को छू रहा है. उन्होंने सभी से उत्तराखंड की संस्कृति को देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया.

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मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी व जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संस्कृति, बोली और खान-पान के साथ प्रदेश में उगने वाली सामग्री से तैयार किए गए व्यंजनों को देश-विदेश में प्रचारित और प्रसारित करना है, जिससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को रोजगार का साधन मिल सके. रोजगार मिलने से पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के प्रयासों के बाद प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है.

यह भी पढ़ें- मसूरी कार्निवलः कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति से बांधा समां, पर्यटकों ने जमकर उठाया लुत्फ

उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में प्रतिभाग करते हुए गढ़वाल महिला समूह की संयोजिका राज्यश्री रावत और गढ़वाली व्यंजनों के मास्टर पंकज अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के पहाड़ में मिलने और परोसे जाने वाले व्यंजन तैयार किए गए हैं, जिनको देश-विदेश के पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित फूड फेस्टिवल अच्छा प्रयास है, परंतु प्रदेश के व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किए जाने चाहिए.

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देश विदेश में मसूरी पहुंचे पर्यटकों ने भी जमकर उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का लुफ्त उठाते हुए जमकर उत्तराखंड के व्यंजनों को चखा और जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अक्सर वहां रेस्टोरेंट्स और होटलों में रोज मिलने वाले भोजन को खाते है. परंतु गढ़वाल और कुमाऊं में परोसे जाने वाले व्यंजनों को खाकर काफी खुश हैं. उनका मानना है कि उत्तराखंड के व्यंजनों को सभी बड़े होटल और रेस्टोरेंट्स में भी परोसा जाना चाहिए.

फूड फेस्टिवल में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी पहाड़ी फूड स्टॉल लगाए हैं. उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी कहते हैं कि फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी व्यंजनों की मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकता है, साथ ही कृषि पैदावार बढ़ेगी. अगर पहाड़ी व्यंजनों की मांग बढ़ेगी तो लोग खेती की ओर वापस लौटेंगे. जानकारों का कहना है कि इस तरह के फेस्टिवल के आयोजन से लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल के तहत उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. इस दौरान विभिन्न व्यंजनों व मिठाइयों का स्वाद चखने को लिए लोगों का तांता लगा रहा. फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊंनी व्यंजन जैसे घूमर, पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा और जौ की रोटी कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरा की खीर, मीठा भात, गुलगुला तोर की दाल, झंगोरा, वर्कर डाली का साग आदि व्यंजनों के स्वाद को चखकर विदेशी भी हैरान रहे.

फूड फेस्टिवल में पर्यटकों ने चखा पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद.

फूड फेस्टिवल का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर मास्टर शेफ माइकल सोनी, मसूरी विधायक गणेश जोशी, जिला अधिकारी सी रविशंकर और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया. पत्रकारों से वार्ता करते उन्होंने कहा की उत्तराखंड की संस्कृति और व्यंजनों को कार्निवल के माध्यम से प्रदर्शित कर उसका प्रचार प्रसार करने का अच्छा प्रयास है. उन्होंने बताया कि कार्निवल की कामयाबी का ये सातवा साल है. कार्यक्रम लगतार ऊंचाईयों को छू रहा है. उन्होंने सभी से उत्तराखंड की संस्कृति को देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया.

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मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी व जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संस्कृति, बोली और खान-पान के साथ प्रदेश में उगने वाली सामग्री से तैयार किए गए व्यंजनों को देश-विदेश में प्रचारित और प्रसारित करना है, जिससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को रोजगार का साधन मिल सके. रोजगार मिलने से पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के प्रयासों के बाद प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है.

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उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में प्रतिभाग करते हुए गढ़वाल महिला समूह की संयोजिका राज्यश्री रावत और गढ़वाली व्यंजनों के मास्टर पंकज अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के पहाड़ में मिलने और परोसे जाने वाले व्यंजन तैयार किए गए हैं, जिनको देश-विदेश के पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित फूड फेस्टिवल अच्छा प्रयास है, परंतु प्रदेश के व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किए जाने चाहिए.

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देश विदेश में मसूरी पहुंचे पर्यटकों ने भी जमकर उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का लुफ्त उठाते हुए जमकर उत्तराखंड के व्यंजनों को चखा और जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि अक्सर वहां रेस्टोरेंट्स और होटलों में रोज मिलने वाले भोजन को खाते है. परंतु गढ़वाल और कुमाऊं में परोसे जाने वाले व्यंजनों को खाकर काफी खुश हैं. उनका मानना है कि उत्तराखंड के व्यंजनों को सभी बड़े होटल और रेस्टोरेंट्स में भी परोसा जाना चाहिए.

फूड फेस्टिवल में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी पहाड़ी फूड स्टॉल लगाए हैं. उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी कहते हैं कि फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी व्यंजनों की मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकता है, साथ ही कृषि पैदावार बढ़ेगी. अगर पहाड़ी व्यंजनों की मांग बढ़ेगी तो लोग खेती की ओर वापस लौटेंगे. जानकारों का कहना है कि इस तरह के फेस्टिवल के आयोजन से लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

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मसूरी विंटर कार्निवल के तहत उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में पर्यटक ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुफ्त उठाया इस दौरान विभिन्न व्यंजनों व मिठाइयों का स्वाद चखने को लोगों का तांता लगा रहा फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊनी व्यंजन जैसे घूमर पल्लर अल्मोड़ा की बाल मिठाई मंडवा वाह जौ की रोटी कुलत की दाल कद्दू का रायता तिल की चटनी झंगोरा की खीर मीठा भात गुलगुला तोर की दाल झंगोरा वर्कर डाली का साग आदि व्यंजनों को खाकर देश-विदेश के पर्यटक इनके स्वाद को चक्क कर के हैरान थे और जमकर इन व्यंजनों का लुफ्त उठाया


Body:फूड फेस्टिवल का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर मास्टर शेफ माइकल सोनी, मसूरी विधायक गणेश जोशी, जिला अधिकारी सी रविशंकर और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और व्यंजनों कार्निवल के माध्यम से प्रदर्शित कर उसका प्रचार प्रसार करने का प्रयास अच्छा है उन्होंने बताया कि कार्निवल का यहां कामयाबी का सातवा साल है जो लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है उन्होंने कहा वह बहुत खुश हैं और पहाड़ की संस्कृति को वह बहुत पसंद करते हैं ऐसे में उन्होंने सभी लोगों से उत्तराखंड की संस्कृति को देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया

मसूरी भाजपा विधायक गणेश जोशी जिला अधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की बोली भाषा के साथ प्रदेश में उगने वाली सामग्री से तैयार किए गए व्यंजनों को देश-विदेश में प्रचारित और प्रसारित करना है जिससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को रोजगार का साधन मिल सके और पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सके उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के प्रयासों के बाद आ प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है

उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में प्रतिभाग करते हुए गढ़वाल महिला समूह की संयोजिका राज्यश्री रावत और गढ़वाली व्यंजनों के मास्टर पंकज अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा फूड फेस्टिवल में कई उत्तराखंड के खासकर पहाड़ में मिलने और परोसे जाने व्यंजन तैयार किए गए हैं जिनको देश-विदेश के पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित फूड फेस्टिवल अच्छा प्रयास है परंतु प्रदेश के व्यंजनों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किए जाने चाहिए

देश विदेश में मसूरी में आए पर्यटकों ने भी जमकर उत्तराखंड फूड फेस्टिवल का लुफ्त उठाते हुए जमकर उत्तराखंड के व्यंजनों को छक्का और जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कि अक्सर वहां रेस्टोरेंट्स और होटलों में रोज मिलने वाले खाने को खाते है परंतु गढ़वाल और कुमाऊं में परोसे जाने वाले व्यंजनों को देख और खाकर काफी खुशी है और उनका मानना है कि उत्तराखंड के व्यंजनों को सभी बड़े होटल रेस्टोरेंट्स में भी परोसा जाना चाहिए

फूड फेस्टिवल में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी पहाड़ी फूड स्टॉल लगाए हैं उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी कहते हैं कि फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी व्यंजनों की मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकता है साथ ही कृषि पैदावार बढ़ेगी जिससे पलायन रोकने में मदद मिल सकती है अगर पहाड़ी व्यंजन की मांग बढ़ेगी तो लोग खेती की ओर वापस लौटेंगे जानकारों का कहना है कि इस तरह के फेस्टिवल के आयोजन से लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और सैलानियों को पहाड़ी फूड का स्वाद भी मिलेगा


Conclusion:
Last Updated : Dec 26, 2019, 11:50 PM IST
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