देहरादूनः बीते 25 सालों तक उत्तराखंड की सेवा करते रहे लोक कलाकारों के घरों में राशन तक की व्यवस्था नहीं है. कोरोना के चलते उत्तराखंड के कई मशहूर कलाकार आज हमारे बीच नहीं है. जिन्होंने अपनी जिंदगी के 25 से 30 साल उत्तराखंड की संस्कृति और भाषा को बचाए रखने में बिताए. उन कलाकारों के परिवार आज किस हाल में है, इसकी सुध लेने की जहमत उत्तराखंड सरकार नहीं उठा रहा है. जिसे लेकर उफ्तारा के लोक कलाकार काफी आक्रोश में हैं.
उत्तराखंड फिल्म टेलीविजन एंड रेडियो एसोसिएशन (उफ्तारा) के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी का कहना है कि उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी काफी बार लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने के विषय में अनुरोध किया था, लेकिन उनकी ओर से इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया लेना तो दूर वे लोक कलाकारों से मिले तक नहीं है. जबकि, लॉकडाउन के दौरान उनकी हालत ज्यादा खराब हुई है.
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वहीं, प्रदीप भंडारी का कहना है कि उन्होंने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी लोक कलाकारों की स्थिति पर ध्यान देने का अनुरोध किया है. लोक कलाकारों को प्रोत्साहन दिलवाने की उफ्तारा की यह कोशिश आगे भी जारी रहेगी.