देहरादून: ऊर्जा विभाग, प्रदेश में बिजली खपत को पूरा करने के लिए नए-नए विकल्पों पर जोर दे रहा है. इन्हीं एक विकल्प में ऊर्जा विभाग कोल आधारित थर्मल पावर प्लांट भी है. इसके लिए ऊर्जा विभाग ने कोल मंत्रालय को कोयला आवंटन के लिए दो बार पत्र भी लिख चुका है, अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला है. ऐसे में अब ऊर्जा विभाग, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से कोल मंत्रालय को कोयले के आवंटन के लिए पहल करने जा रहा है. जिससे जल्द से जल्द कोल मंत्रालय की ओर से कोयला ब्लॉक का आवंटन किया जा सके.
उत्तराखंड में हर साल बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. वर्तमान स्थिति यह है कि ऊर्जा विभाग, राज्य के बिजली खपत को पूरा करने में नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में बिजली की खपत को पूरा करने के लिए हर सीजन खासकर गर्मियों के दौरान अन्य राज्यों या फिर ओपन मार्केट से महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है. जिससे जनता के बिजली की जरूरत को पूरा किया जा सके. यही नहीं, ग्लोबल इनवर्स्टर समिट के बाद उत्तराखंड में बिजली की खपत बढ़ेगी ऐसे में सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है कि किस तरह से भविष्य में खपत होने वाली बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
बता दें ऊर्जा विभाग के अनुसार जिस भी राज्य में कोयला ब्लॉक का आवंटन किया जाएगा, उस राज्य में यूजेवीएनएल थर्मल पावर प्लांट स्थापित करेगा. फिलहाल ऊर्जा विभाग 1500 मेगावाट की क्षमता का थर्मल पावर प्लांट लगाने का निर्णय लिया है. ऐसे में बिजली उत्पादन के बाद ट्रांसमिशन के जरिए बिजली की सप्लाई प्रदेश में की जाएगी.
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दरअसल, कोल का ट्रांसपोटेशन काफी महंगा है, जबकि बिजली का ट्रांसपोटेशन इसके मुकाबले कम महंगा होगा. हालांकि, प्रस्तावित कोल आधारित प्लांट को टीएचडीसी और यूजेवीएनएल की हिस्सेदारी से बनाया जाएगा. हालांकि, उम्मीद है कि उड़ीसा या फिर झारखंड में कोयला ब्लॉक का आवंटन किया जा सकता है.
वहीं, ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कोयले के आवंटन के लिए उनके तरफ से ऊर्जा सचिव, भारत सरकार को अनुरोध पत्र भेजा गया था. जिससे वो कोल मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध करें कि उत्तराखंड राज्य अपने बेस लोड इश्यू को ठीक करने के लिए एक कोल थर्मल पावर प्लांट लगाना चाहता है. जिसके लिए कोयला ब्लॉक का आवंटित कर दें. इसी क्रम में यूजेवीएनएल के एमडी की ओर से भी कोल आवंटन के लिए सचिव कोल, भारत सरकार को दूसरा पत्र भी भेजा गया है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री स्तर से भी कोयले के आवंटन के लिए पहल की जाएगी.