देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए इस वर्ष तबादला सत्र शून्य करने का आदेश जारी कर चुकी है. जिसका प्रदेश के शिक्षक पुरजोर विरोध कर रहे हैं. क्योंकि तबादला सत्र शून्य होने से दुर्गम क्षेत्रों में तैनात उन कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जो वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, अब सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सरकार के इस निर्णय को प्रदेश, विभाग और शिक्षकों के हित में बताया है.
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल भी सरकार ने वार्षिक स्थानांतरण को एक तय सीमा में बांध दिया था. जिसके तहत साल में मात्र 10 फीसदी स्थानांतरण ही किया जा सकता है. जिसके चलते पिछले साल सीमित संख्या में ही तबादले हो सके थे. वहीं, अब इस साल राज्य सरकार ने तबादला सत्र शून्य कर दिया है. ऐसे में अब इस साल तबादले नहीं हो पाएंगे.
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मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि प्रदेश का मुख्य विषय कोरोना वायरस से संघर्ष करना है. साथ ही जनता को इससे बचाव करना. हालांकि स्कूल कब तक संचालित हो पाएंगे, ये कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे में ट्रांसफर और पोस्टिंग बहुत दूर का विषय है.