देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) ने सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सभी कक्षाओं में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर मासिक परीक्षा का पैटर्न शुरू (Monthly exam pattern started) किया है. जिसके संचालन को लेकर एक बार फिर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल (Question on government education system) उठने लगे हैं. दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कक्षा 11वीं के अंग्रेजी के मासिक परीक्षा के पेपर की फोटो वायरल हो रही है. इसमें अंग्रेजी के शब्दों और वाक्यों में कई प्रकार की गलती निकाली गई है. शिक्षा विभाग ने इसका संज्ञान लेते हुए शिक्षा महानिदेशक ने एक जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश देते हुए 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि इस शैक्षिक वर्ष से सभी सरकारी स्कूलों में एससीईआरटी के माध्यम से कक्षाओं के लिए मासिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. ताकि सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर का मूल्यांकन समय-समय पर हो सके. इसी क्रम में जुलाई माह में भी सभी स्कूलों में मासिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसके लिए प्रत्येक जिले के डायट के माध्यम से सभी कक्षाओं के लिए एक घंटे का पेपर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके बावजूद एक बार फिर शिक्षा विभाग के कर्मचारियो की गलती के कारण सरकारी शिक्षा के स्तर और व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा हो गया है.
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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कक्षा 11वीं का एक मासिक पेपर वायरल हो रहा है. जिसके प्रश्नों के वाक्य और शब्दों में कई प्रकार की गलतियां निकाली गई हैं. जो सरकारी शिक्षकों की योग्यता पर भी सवाल खड़ा करता है. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच टीम बनाकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं. वहीं, एससीईआरटी की निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि पेपर बनाने की जिम्मेदारी डायट की होती है. शिक्षा महानिदेशक के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी.