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Cyber Thug Arrested: 1.30 करोड़ रुपए की ठगी करने वाला गिरफ्तार, इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लगाता था चूना

उत्तराखंड साइबर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने 1.30 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने साइबर ठग गिरोह के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था.

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Published : Feb 4, 2023, 3:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 1.30 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना उत्तराखंड पुलिस के हाथ आ गया है. मुख्य आरोपी को उत्तराखंड साइबर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का अधिकारी बनकर पीड़ित को अपने जाल में फंसाया था. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक देहरादून के रहने वाले विनोद कुमारी बंसल ने इस मामले को लेकर साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी.

उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एक पॉलिसी थी, जो 2017 से चल रही थी. विनोद कुमारी बंसल के मुताबिक ये पॉलिसी 10 साल बाद यानी 2027 पूरी होनी थी. लेकिन 2022 में विनोद कुमारी बंसल को एक फोन आता है. फोन करने वाला व्यक्ति खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस को अधिकारी बताया है और कहता है कि उनकी पॉलिसी बीच में रोक दी गई है. इसी कारण उनका पैसे फंस गया है.

पुलिस ने बताया कि विनोद कुमारी बंसल ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के फर्जी अधिकारी पर भरोसा कर लिया और उनसे पॉलिसी से पैस निकलवाने के लिए निवेदन किया है. इसके बाद ठग ने विनोद कुमारी बंसल से कहा कि वो उनकी अपने अधिकारी से बात कराता है, वो कोई रास्त निकाल सकते हैं. इसके बाद ही ठगी का खेल शुरू हुआ.
पढ़ें- BAMS Fake Degree: गिरफ्तारी के बाद अब मास्टरमाइंड इमलाख की संपत्ति होगी कुर्क, गैंगस्टर एक्ट में होगी कार्रवाई

आरोप है कि साइबर ठगों ने पॉलिसी का पैसा निकलवाने के लिए बंसल से करीब अलग-अलग किश्तों में 30 से 35 लाख रुपए की ठगी कर ली. वहीं, बंसल ने अपनी पॉलिसी का 95 लाख रुपए भी निकाल लिया. इसके बाद बंसल को लालच दिया गया कि पॉलिसी से जो उन्हें 95 लाख रुपए मिले हैं, उसे वो उनकी एक स्कीम में लगा दे, वो पैसे तीन गुना हो जाएगा.

पुलिस के मुताबिक बंसल उनके जाल में फंस गया और उनसे अपनी जमा-पूंजी आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दी. आरोपी के खाते में पैसा ट्रांसफर होने के बाद जब पीड़ित ने उनसे संपर्क करना चाहा तो उनका नंबर बंद आ रहा था. इसके बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की और जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किया गया, उनके बारे में जानकारी एकत्र की. इसी तरह पुलिस इस गिरोह के सरगना तक पहुंची और दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया है. गिरोह के मुख्य आरोपी का नाम मनीष पाल है, जिसे नागलोई पश्चिमी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.

देहरादून: उत्तराखंड में 1.30 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना उत्तराखंड पुलिस के हाथ आ गया है. मुख्य आरोपी को उत्तराखंड साइबर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का अधिकारी बनकर पीड़ित को अपने जाल में फंसाया था. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक देहरादून के रहने वाले विनोद कुमारी बंसल ने इस मामले को लेकर साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी.

उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एक पॉलिसी थी, जो 2017 से चल रही थी. विनोद कुमारी बंसल के मुताबिक ये पॉलिसी 10 साल बाद यानी 2027 पूरी होनी थी. लेकिन 2022 में विनोद कुमारी बंसल को एक फोन आता है. फोन करने वाला व्यक्ति खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस को अधिकारी बताया है और कहता है कि उनकी पॉलिसी बीच में रोक दी गई है. इसी कारण उनका पैसे फंस गया है.

पुलिस ने बताया कि विनोद कुमारी बंसल ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के फर्जी अधिकारी पर भरोसा कर लिया और उनसे पॉलिसी से पैस निकलवाने के लिए निवेदन किया है. इसके बाद ठग ने विनोद कुमारी बंसल से कहा कि वो उनकी अपने अधिकारी से बात कराता है, वो कोई रास्त निकाल सकते हैं. इसके बाद ही ठगी का खेल शुरू हुआ.
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आरोप है कि साइबर ठगों ने पॉलिसी का पैसा निकलवाने के लिए बंसल से करीब अलग-अलग किश्तों में 30 से 35 लाख रुपए की ठगी कर ली. वहीं, बंसल ने अपनी पॉलिसी का 95 लाख रुपए भी निकाल लिया. इसके बाद बंसल को लालच दिया गया कि पॉलिसी से जो उन्हें 95 लाख रुपए मिले हैं, उसे वो उनकी एक स्कीम में लगा दे, वो पैसे तीन गुना हो जाएगा.

पुलिस के मुताबिक बंसल उनके जाल में फंस गया और उनसे अपनी जमा-पूंजी आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दी. आरोपी के खाते में पैसा ट्रांसफर होने के बाद जब पीड़ित ने उनसे संपर्क करना चाहा तो उनका नंबर बंद आ रहा था. इसके बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और पीड़ित ने साइबर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की और जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किया गया, उनके बारे में जानकारी एकत्र की. इसी तरह पुलिस इस गिरोह के सरगना तक पहुंची और दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया है. गिरोह के मुख्य आरोपी का नाम मनीष पाल है, जिसे नागलोई पश्चिमी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.

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