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उत्तराखंड साइबर क्राइम ने दस माह में 1.72 करोड़ रुपए बचाए, जानें कैसे - online fraud case

उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस ऑनलाइन ठगी मामले में ताबतोड़ कार्रवाई करने में जुटी है. इसी वजह से साइबर क्राइम पुलिस ने 10 माह में शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पीड़ितों के करीब 1 करोड़ 72 लाख से भी ज्यादा की धनराशि समय रहते बचाया है.

Big success of Uttarakhand Cyber Crime Police
उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी सफलता
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Published : Apr 9, 2022, 10:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन उतनी ही मुस्तैदी से साइबर क्राइम पुलिस इस पर अकुंश लगाने में जुटी है. इसी का नतीजा है कि पुलिस ने बीते 10 माह में ऑनलाइन फ्रॉड मामले में पीड़ितों के 1 करोड़ 72 लाख 87 हजार 902 रुपए समय रहते बचाए हैं.

17 जून 2021 से वर्तमान तक हेल्पलाइन नंबर 1930 पर साइबर अपराध संबंधी 5,961 शिकायत मिले. जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस ने कुल 1 करोड़ 72 लाख 87 हजार 902 रुपए साइबर ठगों के कब्जे से निकाले हैं. साथ ही 165 मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया गया हैं.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि वर्तमान में साइबर ठग नये-नये हथकंडे अपनाकर लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बना रहे है. इस तरह के मामलों में अंकुश लगाने में सबसे बड़ी समस्या शिकायतकर्ता द्वारा साइबर क्राइम पुलिस को देरी से सूचना देने की वजह से आती है. अगर साइबर फ्रॉड होने पर 24 घंटे के भीतर अगर साइबर पुलिस को शिकायत की जाए तो तत्काल रुपये वापसी के साथ वर्कआउट करना तकनीकी टीम के लिए आसान होता है.

ये भी पढ़ें: छुट्टी पर घर आए जवान की सड़क हादसे में मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

साइबर पुलिस का कहना है कि अधिकृत वेबसाइट से ऑनलाइन शॉपिंग करें. किसी भी प्रकार के लोभ लुभावने ऑफर, फर्जी साइट और धनराशि दोगुना करने वाले प्रलोभन में न आएं. किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट, लॉटरी और इनाम जीतने के लालच में धनराशि देने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी सहित महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचे.

किसी भी प्रकार का ऑनलाइन ट्रेडिंग लेने से पूर्व उस वेबसाइट की पूर्ण जानकारी और स्थानीय बैंक, संबंधित कंपनी आदि से संपर्क कर भलीं-भांति पड़ताल अवश्य करा लें. अगर कोई भी शक हो तो तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें. ताकि समय रहते वित्तीय फ्रॉड से बचा जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन उतनी ही मुस्तैदी से साइबर क्राइम पुलिस इस पर अकुंश लगाने में जुटी है. इसी का नतीजा है कि पुलिस ने बीते 10 माह में ऑनलाइन फ्रॉड मामले में पीड़ितों के 1 करोड़ 72 लाख 87 हजार 902 रुपए समय रहते बचाए हैं.

17 जून 2021 से वर्तमान तक हेल्पलाइन नंबर 1930 पर साइबर अपराध संबंधी 5,961 शिकायत मिले. जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस ने कुल 1 करोड़ 72 लाख 87 हजार 902 रुपए साइबर ठगों के कब्जे से निकाले हैं. साथ ही 165 मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया गया हैं.

उत्तराखंड STF एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि वर्तमान में साइबर ठग नये-नये हथकंडे अपनाकर लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बना रहे है. इस तरह के मामलों में अंकुश लगाने में सबसे बड़ी समस्या शिकायतकर्ता द्वारा साइबर क्राइम पुलिस को देरी से सूचना देने की वजह से आती है. अगर साइबर फ्रॉड होने पर 24 घंटे के भीतर अगर साइबर पुलिस को शिकायत की जाए तो तत्काल रुपये वापसी के साथ वर्कआउट करना तकनीकी टीम के लिए आसान होता है.

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साइबर पुलिस का कहना है कि अधिकृत वेबसाइट से ऑनलाइन शॉपिंग करें. किसी भी प्रकार के लोभ लुभावने ऑफर, फर्जी साइट और धनराशि दोगुना करने वाले प्रलोभन में न आएं. किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट, लॉटरी और इनाम जीतने के लालच में धनराशि देने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी सहित महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचे.

किसी भी प्रकार का ऑनलाइन ट्रेडिंग लेने से पूर्व उस वेबसाइट की पूर्ण जानकारी और स्थानीय बैंक, संबंधित कंपनी आदि से संपर्क कर भलीं-भांति पड़ताल अवश्य करा लें. अगर कोई भी शक हो तो तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें. ताकि समय रहते वित्तीय फ्रॉड से बचा जा सके.

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