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CORONA: उत्तराखंड में 81% रिकवरी रेट, देश के टॉप-5 राज्यों में बनाई जगह - टॉप-5 में उत्तराखंड का रिकवरी रेट

उत्तराखंड का कोरोना रिकवरी रेट 81% पहुंच गया है. प्रदेश का डबलिंग रेट 57.39 दिन है, जबकि देश का डबलिंग रेट 23.52 दिन है. इस लिहाज से देखा जाए तो देश के टॉप 5 राज्यों में उत्तराखंड का रिकवरी रेट में पहुंच गया है.

Uttarakhand corona recovery rate
टॉप-5 में उत्तराखंड का रिकवरी रेट
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Published : Jul 4, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 7:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण रोकने और बचाव को लेकर हो रहे कामों की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समीक्षा की है. सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गई है. ऐसे में अधिकारियों को मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा. इस दौरान सीएम ने कहा कि गंभीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं नजर रखें. साथ ही संदिग्ध मामलों की सैंपलिंग और सर्विलांस तेज करने को कहा है.

देश के टॉप-5 राज्यों में बनाई जगह.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश में बीते 4 माह में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए काफी काम हुए. इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत पहुंच गई है. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि उत्तराखंड में एक्टिव रेट 500 से भी कम हैं. ऐसे में अधिकारियों को आराम नहीं, बल्कि सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है. साथ ही कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा है. डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण कर देखा जाए कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है.

उत्तराखंड की स्थिति बेहतर

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कोरोना के एक्टिव केस 500 से भी कम हो गए हैं. पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत रही है. जबकि, देश में कोरोना की वृद्धि दर 1.28 प्रतिशत है. उत्तराखण्ड में पॉजिटिव रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटिव रेट 6.73 प्रतिशत है. राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्र और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं. राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है. जबकि, देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है. इस लिहाज से देखा जाए तो देश के टॉप 5 राज्यों में उत्तराखंड का रिकवरी रेट में पहुंच चुका है.

ये भी पढ़ें: लेह में गरजे पीएम मोदी, उत्तराखंड के इस अधिकारी ने की अगवानी


आशा-आंगनबाड़ी वर्कर्स को समय पर भुगतान

सीएम रावत ने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी वर्कर्स सहित फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना की लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में इनके मानदेय के भुगतान में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए. साथ ही इन्हें फेस शील्ड, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए.

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत हुआ है. आईसीयू, वेंटिलेटर्स, टेस्टिंग मशीन और लैब की सुविधाएं बढ़ी हैं. प्रदेश के कोविड केयर सेंटर्स में 22 हजार 601 रिक्त बेड उपलब्ध हैं. कोविड सेंटर में 1126 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आईसीयू बेड और 159 वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं. जिलों को सैंपलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराई गई है. वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए. साथ ही कोरोना को लेकर भ्रामक और गलत समाचार प्रसारित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

बीमार लोगों की मॉनिटरिंग

बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना को लेकर बड़ी सावधानी से निर्णय लिया जाता है. प्रदेश की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और हमारे प्रयासों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं आनी चाहिए. कोरोना के प्रति संवेदनशील बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाए. इस मॉनिटरिंग से जो भी डेटा प्राप्त होता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां रही हैं. अधिकारियों को कोरोना के साथ-साथ डेंगू पर भी ध्यान देना है.

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए कंट्रोल रूम

प्रदेश में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं. देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम काम कर रहा है. हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमाऊं मंडल के सभी जिलों के लिए रामनगर कंट्रोल रूम कार्य कर रहा है. सभी 13 जिलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं. हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात किये गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण रोकने और बचाव को लेकर हो रहे कामों की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समीक्षा की है. सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गई है. ऐसे में अधिकारियों को मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा. इस दौरान सीएम ने कहा कि गंभीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं नजर रखें. साथ ही संदिग्ध मामलों की सैंपलिंग और सर्विलांस तेज करने को कहा है.

देश के टॉप-5 राज्यों में बनाई जगह.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश में बीते 4 माह में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए काफी काम हुए. इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत पहुंच गई है. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि उत्तराखंड में एक्टिव रेट 500 से भी कम हैं. ऐसे में अधिकारियों को आराम नहीं, बल्कि सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है. साथ ही कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा है. डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण कर देखा जाए कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है.

उत्तराखंड की स्थिति बेहतर

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कोरोना के एक्टिव केस 500 से भी कम हो गए हैं. पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत रही है. जबकि, देश में कोरोना की वृद्धि दर 1.28 प्रतिशत है. उत्तराखण्ड में पॉजिटिव रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटिव रेट 6.73 प्रतिशत है. राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्र और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं. राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है. जबकि, देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है. इस लिहाज से देखा जाए तो देश के टॉप 5 राज्यों में उत्तराखंड का रिकवरी रेट में पहुंच चुका है.

ये भी पढ़ें: लेह में गरजे पीएम मोदी, उत्तराखंड के इस अधिकारी ने की अगवानी


आशा-आंगनबाड़ी वर्कर्स को समय पर भुगतान

सीएम रावत ने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी वर्कर्स सहित फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना की लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में इनके मानदेय के भुगतान में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए. साथ ही इन्हें फेस शील्ड, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए.

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत हुआ है. आईसीयू, वेंटिलेटर्स, टेस्टिंग मशीन और लैब की सुविधाएं बढ़ी हैं. प्रदेश के कोविड केयर सेंटर्स में 22 हजार 601 रिक्त बेड उपलब्ध हैं. कोविड सेंटर में 1126 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आईसीयू बेड और 159 वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं. जिलों को सैंपलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध कराई गई है. वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए. साथ ही कोरोना को लेकर भ्रामक और गलत समाचार प्रसारित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

बीमार लोगों की मॉनिटरिंग

बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना को लेकर बड़ी सावधानी से निर्णय लिया जाता है. प्रदेश की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और हमारे प्रयासों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं आनी चाहिए. कोरोना के प्रति संवेदनशील बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाए. इस मॉनिटरिंग से जो भी डेटा प्राप्त होता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां रही हैं. अधिकारियों को कोरोना के साथ-साथ डेंगू पर भी ध्यान देना है.

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए कंट्रोल रूम

प्रदेश में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं. देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम काम कर रहा है. हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमाऊं मंडल के सभी जिलों के लिए रामनगर कंट्रोल रूम कार्य कर रहा है. सभी 13 जिलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं. हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात किये गए हैं.

Last Updated : Jul 4, 2020, 7:51 PM IST
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