देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उससे पहले राजनीतिक दलों में कयासबाजी का दौर जारी है. इस बीच प्रदेश में कांग्रेस ने संगठन चुनाव का भी ऐलान कर दिया है. यही नहीं पार्टी ने कार्यक्रम को इस तरह से तैयार किया है कि जुलाई तक राज्य में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का चयन भी कर लिया जाएगा. ऐसे में एक बार फिर 6 महीने पहले ही अध्यक्ष बनने वाले गणेश गोदियाल फिर से निर्वाचित होंगे या फिर पार्टी किसी दूसरे चेहरे पर विचार करेगी. यह सवाल लाजमी है, लेकिन कांग्रेस की संगठनात्मक व्यवस्था के तहत गणेश गोदियाल का अध्यक्ष के तौर पर चयन होना लगभग तय है.
दस लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य: उत्तराखंड में चुनाव के लिए मतदान होने के बाद अब कांग्रेस प्रदेश के करीब पांच लाख लोगों को पार्टी से जोड़ने में जुटी हुई है. हालांकि कांग्रेस की सदस्यता को लेकर टारगेट 10 लाख का है, लेकिन करीब पांच लाख लोगों को पार्टी चुनाव और उससे पहले ही कांग्रेस में शामिल करवा चुकी है. प्रदेश में कांग्रेस का 10 लाख लोगों को जोड़ने का टारगेट 31 मार्च तक का है. इसके बाद बूथ से लेकर ब्लॉक और जिला से लेकर प्रदेश तक के चुनावी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाएगा. एआईसीसी मेंबर्स भी चयनित किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले चुनाव में प्रतिभाग करेंगे.
उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राज्य बनने के बाद किन नेताओं के पास जिम्मेदारी रही, यह जानना बेहद जरूरी है. दरअसल कांग्रेस अब तक राज्य बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी पार्टी के वफादार और वरिष्ठ लोगों को ही देती रही है. उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर 2000 को यूपी से अलग हुआ था.
- राज्य बनने के बाद साल 2001 से 2007 तक हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे.
- साल 2007 से 2014 तक यशपाल आर्य ने उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. इस तरह राज्य में सबसे लंबा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल यशपाल आर्य का ही रहा. हालांकि 2017 में यशपाल आर्य ने भाजपा का दामन थाम लिया था लेकिन एक बार फिर यशपाल आर्य कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.
- राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर साल 2014 से 2017 तक किशोर उपाध्याय ने जिम्मेदारी संभाली. एक समय किशोर उपाध्याय गांधी परिवार के बेहद करीबी थे और हरीश रावत के भी खासम खास माने जाते थे, हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनाव के दौरान किशोर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया है.
- प्रदेश में साल 2017 से 2021 तक प्रीतम सिंह ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली लेकिन 2021 में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
- 2021 जुलाई में ही गणेश गोदियाल जोकि हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाते हैं उन्हें कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है और करीब 7 महीने पहले उन्हें ये जिम्मेदारी देने के बाद अब संगठनात्मक चुनाव का ऐलान किया गया है.
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उत्तराखंड कांग्रेस फिलहाल संगठनात्मक चुनाव से पहले सदस्यता अभियान चला रही है. बेहद कम समय होने के बाद अब 31 मार्च तक 10 लाख सदस्य पूरा करने के लिए पार्टी राज्य में पहली बार डिजिटल रूप से भी सुरक्षा अभियान को आगे बढ़ा रही है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी का कहना है कि पार्टी स्वस्थ अभियान को लेकर पूरी तरह से तैयार है. इसके लिए डिजिटल माध्यम से लोगों को जोड़ा जा रहा है.
कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव केवल उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी होना है, जबकि प्रदेश में कांग्रेस 10 मार्च को चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही है. इस बीच पार्टी ने संगठन के चुनाव के कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. पार्टी सदस्यता अभियान की मजबूती के लिए इसे पूरी गंभीरता के साथ निर्धारित समय सीमा पर पूरा करने की कोशिश में जुटी हुई है.