देहरादूनः कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से जनता को वितरित किए जा रहे फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असफल पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं. जिससे देश की जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि 15 अगस्त 2021 को पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि एनीमिया को खत्म करने के लिए साल 2024 तक पौष्टिकता से भरपूर चावल यानी फोर्टिफाइड चावल वितरित किए जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा था कि इससे आधे से ज्यादा भारतीयों को लाभ मिलेगा, लेकिन अब रिपोर्ट सामने आई है कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला था. क्योंकि, पीएम मोदी ने जिस चावल का जिक्र किया था, वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
![Congress raised questions on fortified rice](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/ukdehfartifaidchawalparsavaalvisuk10004_07062023170645_0706f_1686137805_440.jpg)
चावल को लेकर कांग्रेस का आरोपः उन्होंने कई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में करीब 17 लाख बच्चे चावल के उपयोग से कुपोषित हो गए हैं. ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने इस पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की है. यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में 5 साल से कम आयु के 67.1 प्रतिशत बच्चे और 15 से 49 साल की आयु के बीच की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हो गई हैं.
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मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि नीति आयोग समेत इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर जैसे कई आयोगों ने इस चावल के वितरण पर अपनी गहरी आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि गरीबों को फ्री राशन देने वाली केंद्र सरकार देश की जनता के बीच धीमा जहर परोसने का काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राष्ट्रव्यापी पीडीएस में जिस फोर्टिफाइड चावल को दे रही है, उसमें 20 एमजी आयरन है.
साथ ही उन्होंने दावा किया कि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने बच्चों के स्वास्थ्य पर आयरन फोर्टिफाइड चावल के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में अपनी गहरी चिंता जाहिर की है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि कि खाद्यान्न में मिनरल्स को मिलाने के लिए केंद्र सरकार ने किसी से पूछा नहीं, बल्कि मनमाने तरीके से चावल वितरित कर दिए और चावल में मिनरल्स को मिला दिया गया. न ही कोई परीक्षण वितरित करने से पहले किया गया.
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