देहरादून/चंपावत/गदरपुर/लक्सर: किसान बिल के विरोध में लगातार विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. जहां केंद्र सरकार कृषि विधेयक को अच्छा बता रही है तो वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल किसान विरोधी है. यह पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए एक साजिश के तहत पारित किया गया है. इस बिल से किसान पूंजीपतियों के गुलाम बन जाएंगे और बरसों से जमीनों का अधिकार जो किसानों को मिला है उससे किसान वंचित हो जाएंगे.
कांग्रेस पार्टी के प्रस्तावित राजभवन घेराव से पहले कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में एक जनसभा का आयोजन किया गया है. इसमें मैदानी जिलों से सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता पहुंचे हैं. जिसके बाद सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता राजभवन का घेराव करने जा रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेसी कार्यकर्ता टोलियां बनाकर ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचे हैं. किसान बिल के विरोध में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं में आक्रोश नजर आ रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कृषि विधेयक को किसानों के खिलाफ बताते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है.
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चंपावत में प्रदर्शन
वहीं, चंपावत में कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि कृषि विधेयकों की आड़ में केंद्र सरकार किसानों को मौत के घाट उतारने पर आमादा है.
कांग्रेस ने पूर्व में किसानों को उनका हक दिलाने के लिए जमींदारी उन्मूलन कानून बनाया था, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को अपने ही खेतों में ही मजदूर बनाने पर तुली हुई है.
गदरपुर में किसानों का प्रदर्शन
वहीं, गदरपुर में भारतीय किसान यूनियन और कांग्रेस ने कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन किया है. कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार से किसानों को कमजोर बनाने वाली कृषि बिल को वापस लेने की मांग की है. इस दौरान कांग्रेस नेता शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि भाजपा किसानों का उत्पीड़न करने में तुली है. केंद्र सरकार के पारित कृषि विधायकों से किसानों और छोटे व्यापारियों को पूंजीपति मजदूर बना लेंगे.
लक्सर में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन
कृषि बिल के विरोध में लक्सर में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया है. कांग्रेस नेता अरुण चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार देश को बर्बादी की तरफ से भेज रहा है. भारत कृषि प्रधान देश है. लेकिन सरकार किसानों को खत्म करने का काम कर रही है. कृषि बिल से किसान उद्योगपतियों का गुलाम बन जाएगा.