ETV Bharat / state

उत्तराखंडः होम स्टे योजना में बदलाव, 30 लाख तक के कर्ज पर नहीं लगेगा अतिरिक्त शुल्क

author img

By

Published : Nov 14, 2019, 3:05 PM IST

पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों को उत्तराखंड के गांवों की ओर आकर्षित करने के लिए होम स्टे योजना में आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है.

होम स्टे योजना

देहरादून: उत्तराखंड में होम स्टे योजना में बदलाव किया गया है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम स्टे से जोड़ने को लेकर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में एक अहम संशोधन किया गया है, जिसके तहत अब 30 लाख तक की ऋण सुविधा से लाभान्वित होने वाले आवेदकों को स्टांप शुल्क से छूट दे दी है और स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति अब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद करेगा.

होम स्टे योजना में संशोधन.

योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को बैंक से 30 लाख रुपए तक के व्यवसायिक ऋण के सापेक्ष अपनी जमीन बैंक के पास बंधक रखने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस प्रकार अब उन्हें इस योजना का लाभ उठाने पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार वहन नहीं करना पड़ेगा.

गौर हो कि होम स्टे योजना के तहत साल 2020 तक 5 हजार होमस्टे पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक करीब1,630 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी अपने घर को एक गेस्ट हाउस के रूप में संचालित कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः बाल दिवस पर रस्किन बॉन्ड ने दी बधाई, बच्चों को दिया ये खास संदेश

इसके लिए उन्हें उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. नए होमस्टे निर्माण अथवा पुश्तैनी मकान का पुनरुद्धार करते हुए होमस्टे बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं.

वहीं सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि इस संशोधन के लागू होने के पश्चात राज्य सरकार होम स्टे योजना को प्रभावी रूप से लागू कर पाएगी तथा अधिक से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा. राज्य में पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों को उत्तराखंड के गांवों की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकतम अवसर मुहैया कराना है.

देहरादून: उत्तराखंड में होम स्टे योजना में बदलाव किया गया है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को होम स्टे से जोड़ने को लेकर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में एक अहम संशोधन किया गया है, जिसके तहत अब 30 लाख तक की ऋण सुविधा से लाभान्वित होने वाले आवेदकों को स्टांप शुल्क से छूट दे दी है और स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति अब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद करेगा.

होम स्टे योजना में संशोधन.

योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को बैंक से 30 लाख रुपए तक के व्यवसायिक ऋण के सापेक्ष अपनी जमीन बैंक के पास बंधक रखने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस प्रकार अब उन्हें इस योजना का लाभ उठाने पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार वहन नहीं करना पड़ेगा.

गौर हो कि होम स्टे योजना के तहत साल 2020 तक 5 हजार होमस्टे पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक करीब1,630 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी अपने घर को एक गेस्ट हाउस के रूप में संचालित कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः बाल दिवस पर रस्किन बॉन्ड ने दी बधाई, बच्चों को दिया ये खास संदेश

इसके लिए उन्हें उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. नए होमस्टे निर्माण अथवा पुश्तैनी मकान का पुनरुद्धार करते हुए होमस्टे बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं.

वहीं सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि इस संशोधन के लागू होने के पश्चात राज्य सरकार होम स्टे योजना को प्रभावी रूप से लागू कर पाएगी तथा अधिक से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा. राज्य में पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों को उत्तराखंड के गांवों की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकतम अवसर मुहैया कराना है.

Intro:उत्तराखंड राज्य में होम स्टे योजना को बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगो को होम स्टे से जोड़ने को लेकर बुधवार को हुए कैबिनेट बैठक में होम स्टे योजना के संबंध में एक अहम संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब 30 लाख तक की ऋण सुविधा से लाभान्वित होने वाले आवेदकों को स्टांप शुल्क से छूट दे दी है। और स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति, अब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद करेगा।  


Body:योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को बैंक से 30 लाख रुपए तक के व्यावसायिक ऋण के सापेक्ष लाभार्थीयो को अपनी जमीन बैंक के पास बंधक रखने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस प्रकार अब उन्हें इस योजना का लाभ उठाने  पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार वहन नहीं करना पड़ेगा।


गौर हो कि होम स्टे योजना के तहत साल 2020 तक 5000 होमस्टे पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन अभी तक करीब1630 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी अपने घर को एक गेस्ट हाउस के रूप में संचालित कर सकते हैं इसके लिए उन्हें उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। नए होमस्टे निर्माण अथवा पुश्तैनी मकान का पुनरुद्धार करते हुए होमस्टे बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।






Conclusion:वही सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि इस संशोधन के लागू होने के पश्चात राज्य सरकार होम स्टे योजना को प्रभावी रूप से लागू कर पाएगी तथा अधिक से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा। राज्य में पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों को उत्तराखंड के गांव की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत आकर्षक करें एवं सब्सिडी दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकतम अवसर मुहैया कराना है। 

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.