देहरादून: आधुनिक डिजिटल युग में राजनीति में सियासी लड़ाई मैदान के साथ-साथ अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लड़ी जा रही है. ऐसे में खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली भाजपा उत्तराखंड में 13 लाख कार्यकर्ताओं का दावा करती है, लेकिन सोशल मीडिया पर प्रदेश में नई नवेली राजनीतिक पार्टियों से बीजेपी पीछे नजर आ रही है.
उत्तराखंड में भाजपा 13 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं का दावा करती है, लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में अगर हम उत्तराखंड की राजनीतिक पार्टियों की फेसबुक फॉलोवर्स के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो भाजपा सबसे पीछे खड़ी नजर आती है. उत्तराखंड में फेसबुक फॉलोवर्स मामले में आम आदमी पार्टी सबसे आगे हैं. जबकि उत्तराखंड में आप को आए जुम्मा जुम्मा 4 दिन हुए हैं. उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के फेसबुक फॉलोवर्स का आंकड़ा 3 लाख को छुने वाला हैं.
पढ़ें: चारधाम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता, मैदान में सुपर डॉग बेला को उतारा
वहीं, उत्तराखंड में कांग्रेस की फेसबुक पर 3 लाख 25 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स है. वहीं, भाजपा लगातार उत्तराखंड में दो बार सरकार बनाने के बावजूद प्रदेश में फेसबुक पर भाजपा के केवल 3 लाख 20 हजार फॉलोवर्स है. ऐसा हाल तब है कि जब बीजेपी प्रदेश में 13 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता होने का दावा करती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी कार्यकर्ता फेसबुक पर खुद की ही पार्टी को फॉलो नहीं करते हैं या फिर बीजेपी के 12 लाख सदस्य के आंकड़े में कुछ घालमेल है.
राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स
ग्राउंड पर लाखों कार्यकर्ता होने के बावजूद भी सोशल मीडिया पर पार्टी की इस तरह से दुर्गति होने पर भाजपा ने उत्तराखंड में पूरे आईटी तंत्र को रीसफल किया है. बीजेपी ने सोशल मीडिया प्रभाग की जिम्मेदारी शेखर वर्मा से हटाकर भाजपा के युवा नेता नवीन ठाकुर को दी है. नवीन ठाकुर ने बताया वह लगातार अपने वास्तविक कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जोड़ने का काम कर रहे हैं. ग्राउंड पर हमारे कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी फौज है. बस उसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से सही तरीके से जोड़ना है, जिसके लिए वह बड़े स्तर पर रणनीति तैयार कर रहे हैं.
उत्तराखंड भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी नवीन ठाकुर ने बताया वह अब सभी जिलों में दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वे प्रतिस्पर्धा स्वरूप सोशल मीडिया पर परफॉर्मेंस के हिसाब से जिलों में अपने सोशल मीडिया प्रभारियों की रैंकिंग करेंगे और जो इस रैंक में ऊपर होगा, उसे प्रमोट करेंगे और जो फिसड्डी साबित होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.